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दिव्यांगजनों के लिए सरकार ने चलाई अनेक योजनाएं

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दिव्यांगजनों के लिए सरकार ने चलाई अनेक योजनाएं

हरियाणा राज्य दिव्यांगजन आयुक्त राजकुमार मक्कड़ ने रविवार को महाराजा अग्रसेन स्कूल में आयेाजित कृत्रिम अंग माप तोल शिविर कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा दिव्यांगजनों के कल्याण के लिए अनेकों कल्याणकारी योजनाएं चलाई हुई है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने दिव्यांगों के अधिकार संरक्षित करते हुए संसद से वर्ष 2016 में दिव्यांग अधिकार अधिनियम पारित किया था जिससे दिव्यांगों को आत्मसम्मान के साथ जीने के अनेक अधिकार मिले हैं।

 

 

भारत सरकार की ओर से सभी दिव्यांगजनों के लिए यूडीआईडी कार्ड बनाए जा रहे है। कोई भी दिव्यांगजन अपने नजदीकी सीएससी/अटल सेवा केंद्र पर जाकर पंजीकरण करा सकता है। जिसके उपरांत स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी आवेदक से संपर्क कर उसका कार्ड बनवाएंगे। इसके अतिरिक्त कृत्रिम अंग व सहायक उपकरण के लिए भी सीएससी पर जाकर पंजीकरण कराया जा सकता है। एक सबडिविजन में 100 पंजीकरण होने के उपरांत भारत सरकार के उपक्रम एलिम्को की ओर से विशेष कैंप आयोजित किया जाएगा। पहले तीन वर्ष के दौरान एक कैंप लगता था वर्तमान सरकार के प्रयासों से अब एक वर्ष के दौरान तीन बार कैंप लगाए जाएगें।
 

उन्होंने हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल की दिव्यांगजन कल्याण को समर्पित किए गए कार्यों को लेकर प्रशंसा करते हुए कहा कि पंचकूला के राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज दिव्यांगजनों के लिए नि:शुल्क पांच नए कोर्स आरंभ किए गए है जोकि अगले वर्ष आठ हो जाएंगे। साथ ही राज्य के पांच इंजीनियरिंग कॉलेजों में यह सभी कोर्स कराए जाएंगे। उन्होंने बताया कि दिव्यांगजनों के लिए सरकारी नौकरी व पदोन्नति में चार प्रतिशत आरक्षण तथा हाऊसिंग बोर्ड के मकानों के आवंटन के लिए पांच फीसदी आरक्षण का प्रावधान है। वहीं दिव्यांगजनों के पुनर्वास के लिए अंतरराष्ट्रीय दिव्यांगजन दिवस के अवसर पर तीन दिसंबर को मुख्यमंत्री अंबाला में केंद्र की आधारशिला रखेंगे। ऐसा एक केंद्र करनाल जिला के कुटेल में भी खुलेगा।
 

उन्होंने कहा कि सभी विभागाध्यक्ष दिव्यांगजनों के कल्याण के लिए संवेदी भाव से कार्य करें। उन्होंने कहा कि जिला के सभी सार्वजनिक भवन, बैंक, स्कूल, कॉलेजों व अन्य सरकारी कार्यालयों में दिव्यांग मैत्री सुविधाएं जैसे रैंप, व्हील चेयर आदि होनी चाहिए। अगर कोई ऐसा नहीं करता तो संसद में पारित अधिनियम के तहत जुर्माना लगाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग द्वारा स्कूलों में नियुक्त स्पेशल एजुकेटर्स के साथ ही सभी शिक्षकों को दिव्यांगजनों को शिक्षा देने के लिए संवेदनशील होने का प्रशिक्षण दिया जाए।

 

स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी यूडीआईडी व अन्य योजनाओं के पंपलेट बनवाकर आशा-आंगनवाड़ी वर्कर्स के माध्यम से घर-घर पहुंचाए। उन्होंने अंत्योदय मेला के माध्यम से हरियाणा पिछड़ा वर्ग कल्याण निगम व सर्व हरियाणा ग्रामीण बैंक से दिव्यांगजनों को स्वरोजगार के लिए मिलने वाले ऋण योजनाएं उपलब्ध कराने के निर्देश भी दिए।