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School Bus Rules : स्कूल बस संचालन के ये नियम जान लें ! सुरक्षित स्कूल वाहन नीति के तहत निरीक्षण टीम का गठन

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School Bus Rules: स्कूल बस हादसे में 6 बच्चों की मौते के बाद शासन प्रशासन अब हरकत में आया है। मंत्री -अधिकारी लापरवाह स्कूल संचालकों पर कार्रवाई करने की बात कह रहे है। इस वीडियो में हम आपको बतायेंगे किस स्कूल बस के क्या नियम है। कैसे अभिभावक और जागरूक नागरिक नियमों की अवहेलना करने सड़क पर दौड़ने वाली स्कूलों बसों की शिकायत की जा सकती है।

 

लेकिन इससे पहले आपको बता दें कि छात्रों की सुरक्षा को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने भी सरकारो को हिदायतें जारी की हुई है। लेकिन ना सरकार इस और ध्यान देती है और ना अधिकारी लापरवाही करने वाले स्कूलों पर एक्शन लेने की हिम्मत जुड़ा पाते है। कनीना में हुये हादसे के बाद सोया हुआ सिस्टम थोड़ा अलर्ट हुआ है। उसी के चलते रेवाड़ी में एसडीएम सुरक्षित स्कूल वाहन पॉलिसी ( safe school vehicle policy ) को लेकर अधिकारियों व प्रिंसिपल्स के साथ बैठक की है।

 

स्कूलों को देना होगा शपथ पत्र

एसडीएम ने  कहा कि स्कूल संचालकों को सुरक्षित स्कूल वाहन नीति ( School Bus Rules) की अनुपालना करने का शपथ पत्र देना होगा।  बैठक के दौरान 15 स्कूल परिवहन सुरक्षा निरीक्षण टीम का गठन करने के दिशा निर्देश दिये।  टीम में विद्यालयों के प्राचार्य,  नायब तहसीलदार,  पुलिस कर्मचारी व लिपिक-डाटा एंट्री ऑपरेटर को शामिल किया गया है। बैठक में एसडीएम विकास यादव ने कहा कि छात्रों की सुरक्षा की ज़िम्मेदारी स्कूल प्रशासन की है। इसलिए अगर कोई भी स्कूल छात्रों की सुरक्षा को लेकर कोताही बरतता है तो वो बर्दास्त नहीं किया जायेगा।

 

इन मानकों को करना होगा पूरा

वहीं स्कूल बसों के संचालन को लेकर नियमों (  School Bus Rules ) की बात करें तो स्कूल वाहनों के ड्राइवर के पास 5 वर्ष के अनुभव के साथ वैध ड्राइविंग लाइसेंस होना चाहिए, वैध केंडेक्टर-एटेंडेंट लाइसेंस,  चालक व परिचालक की नेम प्लेट लाइसेंस नंबर के साथ उनकी वर्दी पर होनी चाहिए, वाहनों का रजिस्ट्रेशन व फिटनेस प्रमाण पत्र, रूट परमिट की अनुमति,  मापदंड के अनुसार बसों का रंग पीला,  इंश्योरेंस,  पॉल्यूशन प्रमाण पत्र,  वाहनों में मापदंडों के अनुसार स्पीड गवर्नर व जीपीएस लगा हो और ठीक से कार्य कर रहा हो,

 

अग्निशमन यंत्र लगा हो,  वाहनों के हॉन चालू हालत में हों,  टायर की हालत अच्छी हो,  ब्रेक व आपातकालीन ब्रेक सही हालत में हों,  इंडीकेटर चालू हों,  हेड व बैक लाइट चालू हों,  बसों के आगे व पीछे रिफलेक्टर व रिफलेक्टिव टेप लगी हुई हो,  वाइपर चालू हों,  दवाईयों की समाप्ति तिथि चैक किया हुआ फस्र्ट एड बॉक्स लगा हो,  वाहनों पर रूट बोर्ड तथा समय सारणी डिसप्ले हो, नंबर प्लेट निर्धारित मापदंड अनुसार लगी हो, ,

बस के आगे व पीछे स्पष्टï अक्षरों में ऑन स्कूल ड्यूटी लिखा हुआ हो,  पुलिस, चाईल्ड हेल्पलाइन नंबर, कंट्रोल रूम नंबर, वाहन मालिक का नंबर अंदर व बाहर दर्शाए गए हों,  आईपी कैमरा कम से कम 15 दिन की रिकार्डिंग के साथ निर्धारित मापदंड व चालू हालत में हो, साथ ही छात्राओं के लिए बस में महिला अटेंडेंट उपलब्ध है या नहीं , इन सभी मानकों का  निरीक्षण करें गठित की है टीम क रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिये गए है।

 

एम -परिवहन एप पर जान सकते है वाहनों का स्टेट्स

एसडीएम विकास यादव ने आमजन व अभिभावकों से असुरक्षित स्कूल बसों को लेकर जागरूक होने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि कोई भी व्यक्ति सरकार द्वारा सार्वजनिक रूप से जारी की गई एम-परिवहन मोबाइल एप्लिकेशन के माध्यम से स्कूल बसों की फिटनेस व दस्तावेजों की मान्यता चेक कर सकता है।

इस एप पर किसी भी वाहन के पंजीकरण नंबर के जरिये उक्त वाहन की पूरी जानकारी मिल जाती है। अगर किसी स्कूल वाहन के दस्तावेज पूरे नहीं हैं या फिर उसकी तय अवधि पूरी हो चुकी है तो कोई भी व्यक्ति इसकी सूचना प्रशासन को दें सकते हैं। आमजन व अभिभावक असुरक्षित स्कूल वाहन की शिकायत पुलिस सेवा के डायल 112 पर भी कर सकते हैं।