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एम्स निर्माण का इंतजार, डॉ बनवारी लाल ने कहा 80 करोड़ आ चुके है, रजिस्ट्री करानी बाकी

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आपको बता दें कि रेवाड़ी जैसलमेर नेशनल हाइवे नम्बर 11 पर रेवाड़ी के माजरा गाँव की 226 एकड़ जमीन पर एम्स का का निर्माण करना प्रस्तावित है. जहाँ पर एम्स की आधारशिला रखने के लिए प्रशासनिक एवं क़ानूनी पहलुओं को ध्यान में रखकर काम किया जा रहा है. लम्बे समय से ये कहा जा रहा है की जल्द एम्स की आधारशिला रखी जायेगी. लेकिन आजतक आधाशिला ना रखे जाने पर विपक्ष भी सरकार की मंशा पर सवाल खड़ा कर रहा है. जिसपर सहकारिता मंत्री डॉ बनवारी लाल ने कहा है कि एम्स निर्माण के लिए सरकार की नियत में कोई खोट नहीं है. जो क़ानूनी प्रकिया है वो पूरी करने जरुरी है. फिलहाल सभी प्रकिया पूरी हो चुकी है. जिन 498 जमीन मालिकों की सूचि उनके पास आई है. उनमें से कुछ लोग गाँव में मौजूद नहीं है, या एक्सपायर हो चुके है. इसलिए थोड़ी देरी हो रही है.

वर्ष 2015 में पहली बार रेवाड़ी के मनेठी में एम्स बनाने की मुख्यमंत्री ने घोषणा की थी. घोषणा पर काम नहीं हुआ तो मनेठी में लम्ने समय तक आन्दोलन चला था. जिस आन्दोलन में बड़े दिग्गज नेता धरने को समर्थन करने पहुँचे थे. और केन्द्रीय राज्यमंत्री राव इन्द्रजीत सिंह खुद एम्स बनाने की चिठ्ठी लेकर ग्रामीणों के बीच पहुंचे थे. एम्स की राह बिलकुल साफ़ हो गई थी कि फारेस्ट एडवायजरी कमेटी ने उक्त जमीन को जंगलात की जमीन बताकर निर्माण पर रोक लगा दी थी. लोकसभा और विधानसभा चुनावों में एम्स बड़ा मुद्दा भी रहा था. जिसका बीजेपी को फायदा भी मिला था. जिसके बाद सरकार ने ग्रामीणों ने खुद आगे आकर जमीन ई भूमि पोर्टल पर आकर देने की बात कहीं. यहाँ माजरा और मनेठी की करीबन 400 से ज्यादा एकड़ जमीन के कागज़ ग्रामीणों ने ई भूमि पोर्टल पर अपलोड किये थे.

बालखी माजरा में बनेगा एम्स

जिसके बाद भारत सरकार की तरफ से कमेटी के सदस्यों ने माजरा गाँव में एम्स निर्माण की फिजिब्लटी को चैक किया. जिसमें रेलवे कैनेक्टविटी , ट्रांसपोटेशन, बिजली , पानी की उपलब्धता चैक की गई और कमेटी ने जमीन को एम्स निर्माण के लिए फिजिबल पाया.  इस बीच जमीन के बदले मिलने वाली राशी को लेकर भी सरकार और ग्रामीणों के बीच सहमती नहीं बनी थी. लेकिन जनप्रतिनिधियों के सहयोग से किसानों को राजी किया गया था.   

एम्स निर्माण के लिए जमीन अधिकृत

जिसके बाद करीबन छह महीनों से जमीन की रजिस्ट्री कराने का इंतजार किया जा रहा है. एम्स निर्माण के लिए दी माजरा कोऑपरेटिव सोसायटी का गठन किया हुआ है. कमेटी के सदस्य का कहना है कि सभी ग्रामीण इलाके में एम्स आने से काफी खुश है. ग्रामीण इंतजार कर रहे है कि जल्द सरकार रजिस्ट्री कराकर निर्माण कार्य शुरू करें. ग्रामीणों का कहना है कि यहाँ से नेशनल हाइवे निकलने से इलाके की तस्वीर बदली है और एम्स निर्माण के बाद तो तस्वीर और तक़दीर बिलकुल बदल जायेगी.