वाहनों से होने वाले प्रदूषण को कम करने के लिए भारत सरकार लंबे समय से भरपूर प्रयास कर रही है और अब इसी मामले में एक बड़ा कदम उठाया गया है. सभी प्राइवेट और कमर्शियल वाहनों की विंडशील्ड पर फिटनेस सर्टिफिकेट प्लेट (Fitness Certificate Plate) लगाना अनिवार्य कर दिया गया है. ये फिटनेस प्लेट (Fitness Plate) गाड़ियों की Number Plate की तरह होगी जिसपर फिटनेस की एक्सपायरी डेट साफ लिखी होगी. यहां नीले स्टिकर पर पीले रंग से लिखा होगा कि वाहन कब तक फिट रहेगा. तारीख-महीना-साल (DD-MM-YY) इस फॉर्मेट को अंकित किया जाएगा.
तत्काल स्क्रैप
सड़क परिवहन मंत्रालय के हिसाब से लगभग 17 लाख मीडियम और हेवी कमर्शियल वाहन 15 साल से पुराने हैं और वेलिड फिटनेस सर्टिफिकेट के बिना चलाए जा रहे हैं. दो-पहिया वाहनों की बात करें तो इनमें जो भी खाली जगह होगी वहां ये फिटनेस सर्टिफिकेट लगाया जाएगा जैसे कि मडगार्ड या फिर मास्क अथवा एप्रॉन. दिल्ली और हरियाणा सरकार पहले ही ये फैसला सुना चुकी हैं और 1 अप्रैल से इस नियम को सख्ती से लागू करने वाली हैं. बता दें कि नया नियम लागू हो जाने के बाद बिना फिटनेस सर्टिफिकेट वाले पुराने वाहन अगर सड़क पर चलते पाए गए तो उन्हें तत्काल स्क्रैप होने के लिए भेज दिया जाएगा.
ड्राफ्ट नोटिफिकेशन जारी
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने नए नियम के लिए ड्राफ्ट नोटिफिकेशन जारी कर दिया है. अभी 1 महीने तक जनता और स्टेकहोल्डर्स से सुझाव मांगे गए हैं, इसके बाद सरकार इस नियम को लागू कर देगी. सरकार के इस फैसले में 10 साल से पुराने डीजल वाहन और 15 साल से पुराने निजी वाहनों को सड़क से हटाने का आदेश दिया जाने वाला है. आकड़ों पर नजर डालें तो देश में 20 साल से पुराने 51 लाख लाइट मोटर वाहन और 15 साल से पुराने 34 लाख वाहन चलाए जा रहे हैं. इस कानून का उल्लंघन करने वाले वाहन मालिकों पर बड़ा जुर्माना करने का प्रावधान भी सरकार कर रही है.