गृह मंत्रालय ने ट्वीट कर जानकारी दी है कि अग्निपथ योजना युवाओं के उज्ज्वल भविष्य में मील का पत्थर साबित होगी. यह योजना प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की दूरदर्शी सोच है और निकट भविष्य में इसके सकारात्मक परिणाम देखने को मिलेंगे. गृह मंत्रालय ने बताया है कि इस योजना के तहत चार साल की नौकरी पूरी करने वाले अग्निवीरों को सीएपीएफ और असम राइफल्स में भर्ती में प्राथमिकता देने का निर्णय लिया गया है.
अधिकतम उम्र सीमा में बढ़ोतरी
केंद्र सरकार ने गुरुवार की रात एक बड़ा फैसला लेते हुए ‘अग्निपथ’ योजना के तहत अग्निवीरों की भर्ती की अधिकतम उम्र सीमा बढ़ाकर 23 वर्ष करने का फैसला लिया है. इस योजना के तहत भर्ती की न्यूनतम आयु 17.5 वर्ष और अधिकतम आयु 21 वर्ष है, लेकिन इस साल के लिए अधिकतम उम्र की सीमा में दो वर्ष की छूट दी गई है.
रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, पिछले दो सालों में कोई भर्ती नहीं होने के कारण यह फैसला लिया गया है. बाकी साल उम्र की सीमा साढे 17 से 21 साल ही रहेगी. वहीं इस योजना को लेकर हो रहे चौतरफा विरोध पर सरकार ने बताया है कि इस योजना से न तो सेना की रेजीमेंट व्यवस्था में किसी तरह का बदलाव होने जा रहा है और न ही सेना की क्षमता पर ही कोई प्रतिकूल प्रभाव पड़ने वाला है. यह योजना सेना के साथ ही युवाओं के लिए बहुत लाभकारी साबित होगी, क्योंकि चार साल की सेवा के बाद मिले आर्थिक पैकेज से युवाओं के सामने अपने भविष्य को संवारने के कई विकल्प मौजूद होंगे.