बता दें कि 64 वर्षीय सोना देवी अपने परिवार के साथ शहर के विकास नगर में रहती है। 16 सितंबर 2020 की सुबह बिजली निगम ( DHBVN )के कर्मचारी मीटर उतारकर ले गए और एक बिजली चोरी का केस बनाकर 80 हजार रूपय का जुर्माना लगा दिया। इस मामले में ना ही बिजली निगम ने कोई स्पष्टीकरण दिया और ना ही मीटर दौबारा लगाया। निगम के अधिकारियों से परेशान होकर सोना देवी ने एडवोकेट कैलाश चंद की सहायता से DHBVN अधिकारियों के खिलाफ 22 सितंबर 2020 को कोर्ट का सहारा लिया।
जिसके बाद कोर्ट ने जुर्माने की राशि को आधा करके मीटर दौबारा लगाने के आदेश दिये थे। लेकिन यहाँ निगम ने फिर मीटर लगाने में गड़बड़ी कर दी। सोना देवी का मीटर किसी सूरत सिंह के यहाँ लगा दिया और सूरत सिंह का मीटर सोना देवी के घर लगा दिया। बिजली का बिल भी गलत तरीके से उनके यहाँ भेजे जाने लगा। जिस शिकायत पर भी अधिकारियों ने गौर नहीं किया।
जिसके बाद एक नया केस 2021 में Consumer forum में डाला गया और बिजली का मीटर ठीक तरीके से लगाया गया। लेकिन यहाँ भी बकाया 50 फीसदी का लगाया गया जुर्माने की राशि निगम सोना देवी के बिल में जोड़कर भेजता रहा। इस दौरान बिजली चोरी के केस में सुनवाई चल रही थी। 13 फरवरी 2023 को न्यायाधीश पीयूष शर्मा की कोर्ट ने बिजली चोरी के केस को झूठा पाया।
वहीं दूसरे केस में Consumer forum ने माना की बुजुर्ग सोना देवी को बिजली निगम ने परेशना किया है। जिसके बाद 15 मई को कंज़्यूमर फोरम ने बिजली निगम पर 50 हजार का जुर्माना लगाने के साथ-साथ 11 हजार रूपय कानूनी प्रक्रिया और पूरी रकम का 9 प्रतिशत ब्याज सहित एक महीने में चुकाने का आदेश दिया। निगम ने एक महीने में पैसा नहीं लौटाया इसलिए अब 12 प्रतिशत ब्याज के साथ बिजली निगम नें सोना देवी के नाम 82 हजार 960 रूपय का चैक दिया है।
इस केस में सोना देवी ने एडवोकेट कैलाश चंद की मदद से कानूनी लड़ाई लड़ी और सच की जीत हुई। ऐसे में जरूरी है कि जनता अपने अधिकारों के प्रति जागरूक हो और किसी शोषण का शिकार ना हो।