डीसी ने जिला में बढ़ते एयर क्वालिटी इंडेक्स पर चिंता जाहिर करते हुए रेवाड़ी जिलावासियों से प्रदूषण नियंत्रण के उपायों में सरकार व जिला प्रशासन का सहयोग करने का आह्वान किया है। उन्होंने कहा कि आमजन कूड़ा-कर्कट व पॉलीथिन को जलाने की बजाए कूड़ेदान में डालकर उसका निस्तारण सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि रेवाड़ी जिला में यदि कोई कूड़ा जलाता हुआ पाया जाता है तो उसका चालान किया जाएगा।
कूड़ा जलाने वालों की मॉनिटरिंग करें और उनके चालान काटें : डीसी
उन्होंने नगर परिषद व नगर पालिका के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे कूड़ा जलाने वालों की मॉनिटरिंग करें और उनके चालान काटें। उन्होंने आमजन से आह्वान किया कि वे कूड़ा जलाने वालों की जीओ लोकेशन एप के माध्यम से नगर परिषद को शेयर करें ताकि उन पर कार्रवाई करते हुए उनके चालान किए जा सकें। उन्होंने संबंधित विभागों के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे कंसट्रक्शन साइट पर धूल-मिट्टी को उड़ने से रोकने के लिए नियमित रूप से पानी का छिड़काव करें और एंटी स्मॉग गन प्रयोग में लाएं।
डीसी ने कहा कि बढ़ते एयर क्वालिटी इंडेक्स के चलते बच्चे, बुजुर्ग और सांस, हृदय व अन्य पुरानी गंभीर बीमारियों वाले लोग बाहरी गतिविधियों से बचें और जितना हो सके घर के अंदर ही रहें। उन्होंने कहा कि नागरिकों को प्रदूषण का स्तर बढ़ने से आंखों में जलन, सांस संबंधी परेशानियां, फेफड़ों में संक्रमण, घबराहट, सिरदर्द, त्वचा संबंधी समस्याएं पैदा हो सकती हैं। इससे बचाव के लिए जब तक एयर क्वालिटी इंडेक्स में गिरावट दर्ज नहीं होती तब तक संवेदनशील स्वास्थ्य वालों को सुबह व शाम के समय टहलने से परहेज करना चाहिए।
जरुरत होने पर निकले घर से
डीसी ने कहा कि एयर क्वालिटी इंडेक्स बढ़ने का सामान्य व्यक्तियों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। ऐसे में केवल जरूरी होने पर ही घर से निकलें और मुंह पर रूमाल या मास्क पहनाना चाहिए। उन्होंने बताया कि सर्दी का मौसम भी शुरू हो चुका है, ऐसे में गर्म पानी पीएं और अगर खांसी, गले संबंधी समस्या है तो तुरन्त चिकित्सक से संपर्क करें। साथ ही हरी सब्जियों और पौष्टिक आहार का सेवन करें। उन्होंने कहा कि एयर क्वालिटी इंडेक्स में कमी दर्ज होने तक सभी जिलावासी स्वास्थ्य सुरक्षा को लेकर पूरी तरह सावधान व सतर्क रहें।