Short film: मोहिनी पाटिल ने हरियाणवी संस्कृति को भी अपने एक साल के रेवाड़ी वास के दौरान समझते हुए यहां की सामाजिक कुरीतियों को दूर करने में सहभागी रखते हुए अपनी लेखनी के माध्यम से कन्या भ्रूण हत्या व नशे की प्रवृत्ति पर फोकस करते हुए एक हरियाणवी लघु फिल्म-नई पहल की निर्माता बन गई।
बुधवार को रेवाड़ी के बीएमजी मॉल में मोहिनी स्वप्रिल पाटिल द्वारा लिखित व निर्मित कन्या भ्रूण हत्या तथा नशे जैसी बुराइयों के खिलाफ ओएलजी फिल्म्स के बैनर तले निर्मित जागरूकता पर आधारित हरियाणवी लघु फिल्म ‘नई पहल’ का प्रीमियर लांच किया गया, जिसने दर्शकों के दिलों पर अमिट छाप छोड़ते हुए उन्हें अंदर तक झकझोर कर रख दिया। ठेठ हरियाणवी बोली में बेहतरीन डायलॉग डिलीवरी ने दर्शकों को ताली बजाने पर मजबूर कर दिया। फिल्म की प्रस्तुति के दौरान कई बार दर्शकों की आंखें नम हुई।
प्रीमियर लॉंच के दौरान उपायुक्त मोहम्मद इमरान रजा तथा जिला एवं सत्र न्यायाधीश विमल कुमार के मुख्य आतिथ्य में आयोजित कार्यक्रम में फिल्म की लेखिका व निर्माता मोहिनी स्वप्रिल पाटिल, निर्देशक रणविजय राव, पटकथा एवं संवाद लेखक साहित्यकार सत्यवीर नाहडिय़ा सहित इस फिल्म से जुड़े सभी कलाकारों एवं तकनीशियन टीम की प्रतिनिधियों ने फिल्म के उद्देश्य व औचित्य पर प्रकाश डाला।
नई पहल लघु फिल्म के संदेश को जीवन में करें आत्मसात : डीसी
डीसी मोहम्मद इमरान रजा ने हरियाणवी लघु फिल्म की लेखिका व निर्माता मोहिनी स्वप्रिल पाटिल व पूरी टीम को बधाई देते हुए फिल्म के माध्यम से दिए गए संदेश को जीवन में आत्मसात करने का आह्वान आमजन से किया। उन्होंने कहा कि हमें इस फिल्म के माध्यम से दिए गए संदेश को धरातल पर चरितार्थ करना होगा तभी हम बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ को सही मायनों में आगे बढ़ा पाएंगे और जिला में लिंगानुपात के अंतर को कम कर सकेंगे।
उन्होंने कहा कि वे स्वयं भी फिल्म देखकर भावुक हो गए और उनकी आंखें भी नम हो गई। उन्होंने कहा कि बेटा-बेटी में कोई फर्क नहीं है और वे भी स्वयं एक बेटी के पिता होने का गौरव रखते हैं। जिला एवं सत्र न्यायाधीश विमल कुमार ने हरियाणवी बोली एवं संस्कृति पर केंद्रित इस शार्ट फिल्म के संदेश को बेहद प्रासंगिक बताते हुई सराहना की। एडीसी स्वप्निल रविंद्र पाटिल ने ओएलजी फिल्म्स को रचनात्मक टीम वर्ग के लिए बधाई दी।
पत्रकारों से बातचीत करते हुए लघु फिल्म की लेखिका व निर्माता मोहिनी स्वप्रिल पाटिल ने कहा कि उन्हें हरियाणा आए हुए ज्यादा वक्त नहीं हुआ है। उन्हें जब हरियाणा में लिंगानुपात व नशे के चलन के बारे में पता चला तो उन्होंने हरियाणवी लोगों को एक सार्थक संदेश देने के लिए फिल्म की पटकथा लिखने का संकल्प लिया और आज उनका यह संकल्प पूरा हो गया है।
उन्होंने कहा कि हरियाणा प्रदेश के बिगड़ते लिंगानुपात तथा नशे की बढ़ती प्रवृत्ति पर केंद्रित इस शार्ट फिल्म का निर्माण जन जागरूकता हेतु किया गया है, जिसमें ठेठ हरियाणवी बोली तथा लोक संगीत के अलावा क्षेत्रीय प्रतिभाओं को मंच दिया गया है। उन्होंने इससे पहले बनाई गई दो अन्य शॉर्ट फिल्म जीओ या पीओ तथा नो मोर कैंसर के बारे में भी जानकारी दी। उन्होंने सभी से यह लघु फिल्म देखने की अपील करते हुए इसके संदेश को जीवन में आत्मसात करने का आह्वान किया।
नई पहल फिल्म के निर्देशक रणविजय राव ने कथानक के अनुरूप ओएलजी फिल्म्स की पूरी टीम की साधना को रेखांकित किया। पटकथा एवं संवाद लेखक साहित्यकार सत्यवीर नाहडिय़ा ने कहा कि हरियाणवी संस्कृति के संरक्षण एवं संवर्धन के अलावा सामाजिक विसंगतिओं के खिलाफ नई पहल यथानाम-तथागुण के रूप में एक रचनात्मक प्रेरक प्रयास है। फिल्म की लाइन प्रोड्यूसर मनीषा यादव ने फिल्म की शूटिंग के दौरान रेवाड़ी, कोसली, बूढ़पुर तथा मलेशियावास से जुड़े रोचक संस्मरण सुनाए।
सह निर्देशक विपिन जांगड़ा ने रेवाड़ी जिले से हरियाणवी शार्ट फिल्म के क्षेत्र में भी इसे नई पहल बताया। फिल्म से जुड़े कलाकारों अर्चना राव, अनूप सिंह, मीणा मलिक, विपिन जांगड़ा, चिराग शर्मा, निशा नेहरा, पुनीत शर्मा, मुकुल कोसलिया ने सामाजिक सरोकारों से जुड़ी इस शॉर्ट फिल्म की उद्देश्यों पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर रंगमंच एवं सिनेमा से जुड़े कलाप्रेमियों के अलावा सामाजिक कार्यकर्ताओं रिपुदमन गुप्ता, ऋषि सिंहल, खूब राम, ब्रह्म प्रकाश भारद्वाज, डा.पवित्रा राव, डा. ज्योत्स्ना यादव व प्रीति लांबा ने इसे सामाजिक सरोकारों से जुड़ी संदेशपरक फिल्म बताया।