राजस्थान के सरिस्का टाइगर रिजर्व से निकलकर रेवाड़ी के झाबुआ के जंगल में पहुंचे बाघ के कारण इलाके के लोगों में दहशत का माहौल है। आज करीबन ढ़ाई महीने बीत जाने के बावजूद बाघ को रेस्क्यू नहीं किया जा सका है. जिसकी वजह से स्थानीय लोगों में रोष है। लोगों का कहना है कि उनका घरों से निकलना मुश्किल हो गया है। वो डर के साए में है, खेतों में काम नहीं कर सकते। ऐसे में करें तो क्या करें । Tiger को जल्द रेस्क्यू कराने की मांग को लेकर ग्रामीण जिला प्रशासन से भी मुलाकात कर चुके।
आपको बता दें राजस्थान के सरिस्का टाइगर रिजर्व के टाइगर एसटी 2303 को रेस्क्यू करने के लिए टीमे लगी हुई है लेकिन Tiger को रेस्क्यू नहीं कर पाई है। राजस्थान के सरिस्का टाइगर रिजर्व सहित रणथंभौर और जिस कॉर्बेट नेशनल पार्क की टीम को भी रेवाड़ी के झाबुआ के जंगल में बुलाया गया है. ताकि किसी भी तरह टाइगर को रेस्क्यू किया जा सके.
बता दें कि 16 अगस्त को टाइगर राजस्थान की सीमा से हरियाणा की सीमा में दाखिल हुआ था। तब से ही राजस्थान की रेस्क्यू टीम Tiger को रेस्क्यू करने के लिए लगी हुई है और हरियाणा वन विभाग की टीम भी राजस्थान का सहयोग कर रही है। ऐहतियात के तौर पर जिलाधीश ने इलाके में धारा 163 लागू की है. साथ ही टाइगर। साथ ही ग्रामीणों के लिए भी हिदायतें जारी की गई .
अधिकारियों के मुताबिक झाबुआ का जंगल काफी घना है. जिसकी वजह से टाइगर को सर्च करने में मुश्किल आ रही है. Tiger के पैरों के निशान के आधार पर टीम को पता चला था कि टाइगर राजस्थान हरियाणा के बोर्डर स्थित झाबुआ के जंगल में है. टाइगर को सर्च करने के लिए रेस्क्यू टीम ने जंगल में कैमरे भी लगाए थे. जिन कैमरो में एक दो बार तो टाइगर की पिक्चर सामने आई लेकिन लेकिन टाइगर अभी तक सामने नहीं दिखाई दिया है.
ऐसे में Tiger को रेस्क्यू करना टीम के लिए बड़ी चुनौती बनी हुई है. वहीँ ग्रामीण बाघ के कारण खौफ के साये में है. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि यही टाइगर 8 माह पहले रेवाड़ी के निखरी भटसाना और खरखड़ा के इलाके में आया था। जो 3 दिन बाद वापिस राजस्थान लौट गया था.