हरियाणा का एक ऐसा शख्स जिसने फर्जी जज बनकर 40 दिनों तक कोर्ट की कार्रवाई की थी , जिसपर हरियाणा-दिल्ली सहित चार राज्यों में 150 से ज्यादा चोरी के केस दर्ज थे और करीबन 1000 धोखाधड़ी केसों में नाम सामने आया था। इतना ही नहीं 90 से ज्यादा बार वह जेल भी जा चुका था।हम बात कर रहे है भिवानी के रहन वाले Dhaniram Mittal की। जिसका 3 दिन पहले 85 वर्ष की उम्र में निधन हो गया।
लेकिन पिछले दो दिनों से गूगल पर ये नाम लगातार सर्च किया जा रहा है। खबरों में धनीराम मित्तल के कारनामे जो कोई पढ़ रहा है वो हैरान रह जा रहा है। यही कारण है कि Dhaniram Mittal के निधन पर सभी बड़े मीडिया संस्थानों ने इस खबर को पब्लिश किया है। दैनिक भास्कर की ख़बर के मुताबिक उम्र के अंतिम बढ़ाव में भी धनीराम मित्तल ने चोरी करने की वारदातें नहीं छोड़ी, 77 वर्ष की उम्र में कार चोरी के मामले में दिल्ली पुलिस ने धनीराम को गिरफ्तार किया था।
बता दें कि भिवानी जिले का रहने वाले धनीराम मित्तल की गिनती देश के सबसे बुद्धिमान अपराधियों के रूप में होती थी। अपने जमाने का ऐसा हाईटैक अपराधी जो ना केवल फर्जी जज बनकर काफी समय तक असली जज की कुर्सी पर बैठकर फैसले सुनाता रहा, बल्कि उसने कानून में स्नातक की डिग्री लेने के बाद भी अपराध की दुनिया में कदम रखा। धनीराम अपने मुकदमों की खुद ही कोर्ट में पैरवी करता था। फिलहाल Dhaniram Mittal एक पुराने केस में चंडीगढ़ की जेल में दो माह की कैद काटकर आया था।
फर्जी दस्तावेज के जरिए स्टेशन मास्टर बना
Dhaniram Mittal इतना शातिर था कि उसने फर्जी दस्तावेजों के जरिए रेलवे में नौकरी भी हासिल कर ली थी। नौकरी भी कोई छोटी-मोटी नहीं, बल्कि सीधे रेलवे मास्टर की। 6 साल तक वर्ष 1968 से 74 के बीच वह देश के कई अहम रेलवे स्टेशन पर स्टेशन मास्टर के पद पर काम किया।