Home रेवाड़ी करीब ₹40000 कीमत का इंजेक्शन रेवाड़ी सिविल अस्पताल में लगेगा निशुल्क

करीब ₹40000 कीमत का इंजेक्शन रेवाड़ी सिविल अस्पताल में लगेगा निशुल्क

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सिविल में कार्यरत ह्रदय रोग विशेषज्ञ डॉक्टर रणवीर सिंह के अनुसार अगर स्ट्रोक के साढ़े 3 घंटे के अंदर मरीज सिविल अस्पताल पहुंच जाए तो, मरीज की जान बचाई जा सकती है. मरीज को पक्षाघात होने से भी बचाया जा सकेगा. सबसे पहले मरीज का सिटी स्कैन करा कर जांच की जाएगी ताकि स्ट्रोक के प्रकार का पता चल सके. उन्होंने बताया कि स्ट्रोक की बीमारी में कारगर अल्टेप्लेज इंजेक्शन सिविल अस्पताल में निशुल्क लगेगा. जबकि इस इंजेक्शन की बाजार में कीमत करीब ₹40000 है.

 

विशेषज्ञों के अनुसार भारत में मौत का दूसरा बड़ा कारण है. आमतौर पर स्ट्रोक दो तरह का होता है. पहला ब्लड क्लॉट और दूसरा हेमरेज. ब्लड क्लॉट में ब्रेन में क्लोटिंग हो जाती है और दूसरे में ब्रेन हेमरेज हो जाता है.

 

इस रोग के लक्षण

विशेषज्ञों के अनुसार इस रोग को पहचानने के कई तरीके हैं. इसमें मुंह टेढ़ा हो सकता है, बोलने में हकलाहट हाथ पैर सुन्न हो सकते हैं, चेहरे, हाथ या पैर में शरीर के दोनों ओर कमजोरी या सुन्न होना या पक्षपात होना, चक्कर आना, संतुलन खोना और बिना किसी कारण के जमीन पर गिरने जैसे लक्षण दिखाई देते हैं, तो फास्ट कंसेप्ट को फॉलो करना चाहिए. इसमें देरी नहीं करें और तुरंत अस्पताल में पहुंचकर सबसे पहले सिटी स्कैन करवाना. जिसमें पता लगेगा कि कहां दिक्कत है.

 

एफ चेहरा: इसमें व्यक्ति को मुस्कराने के लिए कहें और देखें कि व्यक्ति के चेहरे का एक तरफ झुकाव है या नहीं.

ए- आर्म्स: दोनो हाथो को उठाने के लिए कहें, क्या एक हाथ उठाने में असमर्थ है.

एस- स्पीच: क्या व्यक्ति के बोलने में आपको असामान्यता महसूस होती हैं.

टी- टाइम: तुरंत टाइम नोट करें, डॉक्टर से मिले.