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एचएसवीपी में करोड़ों रूपए के गबन का मामला, कर्मचारी ने पुलिस रिमांड में उगले राज

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हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के दफ्तर में चल रहे फर्जीवाड़े का खुलासा होने के बाद पकड़ा गया आरोपी डाटा ऑपरेटर पुलिस रिमांड में कई राज उगल रहा है. पुलिस कि जाँच में अबतक सामने आ चूका है कि एचएसवीपी के कार्यालय के एकाउंट ऑफिस के अंदर डाटा ऑपरेटर विजय यादव एक करोड़ 75 लाख रूपए का गबन कर चूका था. और ऐसा उसने एक दो बार में नहीं बल्कि 4 वर्षों में किया है.

 

जिससे सवाल ये उठता है कि आखिर कौन-कौन उसके साथ इस फर्जीवाडे में शामिल रहें ! आखिर क्यों ऑडिट में भी वर्षों तक इस फर्जीवाड़े का खुलासा नहीं हो सका ! ऐसे कई सवाल है जिनके जवाब के लिए अभी भी पुलिस आरोपी से पूछताछ कर रही है. डीएसपी मोहम्मद जमाल ने कहा कि इस मामले में कई खुलासे हुए है. लेकिन जबतक जाँच पूरी नहीं हो जाती तबतक वो ज्यादा कुछ बता नहीं सकते .

 

आरोपी की वर्ष 2017 में अस्थाई तौर पर हुआ था भर्ती

आपको बता दे कि विजय यादव नाम का व्यक्ति वर्ष 2017 में अस्थाई तौर पर हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण रेवाड़ी के कार्यालय में डाटा ऑपरेटर के पद पर भर्ती हुआ था. जिसकी ड्यूटी कार्यालय की एकाउंट ब्रांच में लगी थी और फिर उसने वर्ष 2018 से फर्जीवाड़ा करना शुरू कर दिया. लेकिन शातिर कर्मचारी का फर्जीवाड़ा अब अधिकारियों की नजर में आया है. विभाग की तरफ से तीन दिन पहले रेवाड़ी के मॉडल टाउन थाने में शिकायत दी. जिसमें कहा कि डाटा ऑपरेटर विजय यादव ने विभाग के पीएनबी खाते से करीबन 38 लाख रूपए अपने परिवार के सदस्यों के बैंक खातों में ट्रांसफर करके ठगी की है.

जिस शिकायत के आधार पर पुलिस ने केस दर्ज किया और आरोपी को गिरफ्तार करके 5 दिन के पुलिस रिमांड पर लिया. जैसे ही पुलिस ने आरोपी से पूछताछ शुरू की तो आरोपी ने एक बार एक कई राज खोल दिए. इस दौरान पुलिस ने आरोपी विजय यादव से 28 लाख रूपए की बरामदगी भी कर ली है.

 

अधिकारी के हस्ताक्षर के साथ छेडछाड

अभीतक जाँच के दौरान सामने आया है कि आरोपी ऑपरेटर ने उन अधिकारी के हस्ताक्षर के साथ छेडछाड करके बैंक के पास भेज दिया था. और फिर विभाग के खातों से करोड़ों रूपए की रकम अलग-अलग समय पर अपने परिवार के सदस्यों के खातों में ट्रांसफर कर ली. अभी तक 12 एकाउंट का पता लग पाया है. जिनमें ये राशी ट्रांसफर की गई थी. और कहा ये भी जा रहा है कि आरोपी इस राशी को लोगों को ब्याज पर देकर और प्रोपर्टी में इन्वेस्ट करके पैसे कमा रहा था.

 

ऑडिट के दौरान भी  नहीं पकड़ा गया फर्जीवाड़ा

वहीँ इस मामले में संपदा अधिकारी विजय राठी ने कहा कि उन्हें भी ये समझ नहीं आया कि कैसे सभी की आँखों में धूल झोंककर ये फर्जीवाड़ा किया गया. और कैसे ऑडिट के दौरान भी ये फर्जीवाड़ा पकड़ा नहीं गया. उन्होंने कहा कि विभाग की तरफ से भी एक कमेटी बनाकर मामले की जाँच की जा रही है.

 

 

बहराल आरोपी ऑपरेटर का पुलिस रिमांड कल पूरा हो रहा है. जिसे पुलिस अदालत में पेश करेगी. इस बीच देखना होगा कि कौन –कौन लोग जाँच के घेरे में आते है और आगे क्या कार्रवाई की जाती है.