मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ, हरियाणा (उच्च शिक्षा संवर्ग) के पदाधिकारियों से आह्वान किया कि वे विद्यार्थियों को समाज के साथ जोड़कर उनमे सेवा का भाव पैदा करें। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही जनकल्याणकारी योजनाओं के तहत सत्यापन, सर्वे या ऐसी अन्य गतिविधियों में विद्यार्थियों को अवश्य शामिल किया जाए। जब विद्यार्थी स्वयं कल्याणकारी योजनाओं में सहभागी बनेंगे तो उनमें निश्चित तौर पर सेवा की भावना पैदा होगी।
मुख्यमंत्री आज पंचकूला में अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ, हरियाणा (उच्च शिक्षा संवर्ग) के प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक कर रहे थे। बैठक में प्रतिनिधिमंडल द्वारा अपनी मांगों को रखा गया, जिस पर मुख्यमंत्री ने कुछ मांगों को मान लिया और कुछ मांगों पर विभाग के अधिकारियों को विचार-विमर्श करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने उच्चतर शिक्षा विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि शिक्षकों की नई स्थानांतरण नीति तैयार करने के संबंध में सर्वे किया जाए, जिसके तहत शिक्षकों से उनके स्थानों का विकल्प लिया जाए। तदानुसार विषय वार तथा मांग के अनुरूप नीति तैयार की जाएगी। इस नीति से विद्यार्थियों के साथ -साथ शिक्षकों को तो लाभ होगा ही और शिक्षा के स्तर में भी सुधार होगा। बैठक में पदाधिकारियों द्वारा पीएचडी और एमफिल के लिए वेतनवृद्धि को मर्ज करने की मांग पर मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार इस पर विचार करेगी और विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक कर अंतिम फैसला लिया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश में कॉलेजों में 1535 शिक्षकों की भर्ती जल्द की जाएगी। उच्चतर शिक्षा विभाग की ओर से हरियाणा लोक सेवा आयोग को पत्र लिखा जा चुका है। इसके अतिरिक्त, 1500 शिक्षकों की और भर्ती के लिए भी इसी माह आयोग को पत्र भेजा जाएगा।बैठक में पदाधिकारियों ने विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में टीचिंग व नॉन टीचिंग स्टाफ की नियुक्ति के लिए यूजीसी नियमों के अनुसार न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता को लागू करने और उच्च शिक्षा में शिक्षा के स्तर में सुधार तथा यूजीसी नियमों के अनुसार सातवें वेतन आयोग को लागू करने की मांग रखी। इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि इन विषयों पर अधिकारियों के साथ बैठक कर विचार किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने पदाधिकारियों की शिक्षकों से संबंधित पदोन्नति के मामले, चाइल्ड केयर लीव, स्टडी लीव या अन्य मामलों को एक तय सीमा के अंदर निपटाने की मांग पर अधिकारियों को निर्देश दिए कि ऐसे सभी मामलों को निर्धारित समयावधि में निपटाएं। इसके अलावा, पहले से लंबित मामलों का निपटान शीघ्रता से किया जाए। उन्होंने कहा कि जो शिक्षक उच्च शिक्षा विभाग, मुख्यालय में संयुक्त निदेशक, उपनिदेशक और असिस्टेंट डायरेक्टर पदों पर प्रतिनियुक्ति पर आएंगे, वे 3 साल तक अपनी सेवाएं देंगे और 3 साल के बाद उनका तबादला किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों तथा पदाधिकारियों से कहा कि प्रदेश के विश्वविद्यालयों में चल रहे सेल्फ फाइनेंस के कोर्स में बच्चों का अधिक रुझान बढ़े, इसके लिए प्रयास किए जाएं। इसके अलावा, विश्वविद्यालय और महाविद्यालयों को एल्युमनाई से संपर्क कर इन शिक्षण संस्थानों को वित्तीय रूप से सहयोग करने की भी अपील की जानी चाहिए, ताकि शोध के क्षेत्र में ज्यादा से ज्यादा कार्य किये जा सके।