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रेवाड़ी में पराली से बिजली बनाने का देश का पहला प्लांट, देखें क्या ख़ासियत

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रेवाड़ी में पराली से बिजली बनाने का देश का पहला प्लांट, देखें क्या ख़ासियत

रेवाड़ी जिला के गांव खुर्शीदनगर में पराली से बिजली का उत्पादन करने वाला देश का पहला ग्रीन एनर्जी प्लांट स्थापित किया गया है। पर्यावरण संरक्षण की दिशा में स्थापित किया गया यह प्लांट प्रदूषण मुक्ति के साथ ही बिजली के उत्पादन का सफलतम कदम है। हरियाणा अक्षय ऊर्जा विकास एजेंसी के माध्यम से निजी क्षेत्र की के-2 पॉवर रिन्यूएबल प्राइवेट लिमिटेड ने रेवाड़ी के गांव खुर्शीदनगर में देश का पहला ग्रीन एनर्जी प्लांट स्थापित करते हुए रेवाड़ी जिला को अनुकरणीय बनाया है।

 

खुर्शीदनगर में पराली से तैयार हो रही बिजली को प्लांट से बिसोहा 33 केवी सब स्टेशन में उपलब्ध कराया जा रहा है और सब स्टेशन से बिसोहा गांव में बिजली की नियमित आपूर्ति शुरू हो गई है। इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट के आगाज पर मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल ने पराली प्रबंधन की दिशा में उठाए गए कदम को सराहनीय बताया।

 

सरकार की सकारात्मक सोच को मूर्त रूप दे रहा है रेवाड़ी : डीसी

डीसी यशेंद्र सिंह ने कहा कि रेवाड़ी जिला देश के लिए पराली से बिजली उत्पादन की दिशा में उठाए जा रहे कदम में अग्रणी बन रहा है और इसके लिए अक्षय ऊर्जा विकास एजेंसी सहित बिजली वितरण निगम की पर्यावरण के प्रति सकारात्मक सोच सामने आई है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल द्वारा पराली प्रबंधन को लेकर दिए गए सुझावों को अमल में करने में रेवाड़ी जिला उल्लेखनीय भूमिका निभा रहा है।

रेवाड़ी में पराली से बिजली बनाने का देश का पहला प्लांट, देखें क्या ख़ासियत

उन्होंने बताया कि सरकार की सकरात्मक सोच को मूर्त रूप देने में जिला प्रशासन सकारात्मक दायित्व निभा रहा है। ग्रीन एनर्जी प्लांट में बिना प्रदूषण के 24 घंटे में 600 क्विंटल पराली से 48 हजार यूनिट बिजली का उत्पादन शुरू किया गया है। बिजली के उत्पादन के साथ ही क्षेत्र के इस प्लांट में करीब 150 लोगों को सीधा रोजगार मिल रहा है।

बिसोहा गांव को 2 मेगावाट बिजली प्रति घंटे आपूर्ति :

दक्षिणी हरियाणा बिजली वितरण निगम के एसडीओ नाहड़ दीपक कुमार ने ग्रीन एनर्जी प्लांट प्रोजेक्ट के तहत प्रदत्त सेवाओं के बारे में बताया कि यह पहला पूरी तरह से प्रदूषण रहित पंचकूला रिन्यूवल एनर्जी डेवलेप्मेंट एजेंसी से मान्यता प्राप्त प्लांट है।

जिसमें 400 किलोवाट क्षमता के पांच इंजन हैं जिनसे बिना प्रदूषण के पराली से बिजली का उत्पादन प्रक्रिया को शुरू किया गया है। डीएचबीवीएन के 33 केवी सब स्टेशन बिसोहा को 2 मेगावाट बिजली प्रति घंटे की दर से प्रदान की जा रही है और उक्त उत्पादित बिजली वितरण प्रक्रिया का भुगतान सरकार के नियमानुसार किया जा रहा है।

बायोमैस गैस विधि पर आधारित है प्लांट :

निगम के एसडीओ दीपक कुमार ने बताया कि पराली से चलने वाला यह प्लांट बॉयलर की बजाय बायोमैस गैस विधि से काम कर रहा है, जिसमें प्रदूषण की कोई संभावना नहीं है। पराली से चलने वाले पांचों इंजनों से तैयार होने वाली गैस से ही बिजली का उत्पादन किया जा रहा है।

उन्होंने बताया कि रेवाड़ी जिला में ग्रीन एनर्जी प्लांट देश में इस तरह का पहला पॉवर प्लांट है जिसमें 400 किलोवॉट क्षमता के 5 इंजन लगाए हैं और इसमें बॉयलर सिस्टम के स्थान पर बायोमैस गैस विधि से बिजली का उत्पादन किया जा रहा है।

पराली जलाने की अपेक्षा भाप से गलाकर बिजली का उत्पादन है प्लांट में : राजपाल
गांव खुर्शीद नगर (झोलरी की ढाणी) निवासी राजपाल पुत्र टोड़ाराम ने पर्यावरण संरक्षण की दिशा में निभाई जा रही भूमिका को सरकार की प्रेरणास्रोत बताया। उन्होंने बताया कि केंद्र व प्रदेश सरकार की एजेंसियों के सहयोग से उसने अपनी मुमताजपुर मार्ग पर पांच एकड़ जमीन में यह ग्रीन एनर्जी प्लांट लगाया है। जिसकी बिना प्रदूषण के दो मेगावाट बिजली उत्पादन क्षमता है।

 

इस प्लांट में पराली को जलाने की अपेक्षा उसे भाप से गलाकर बिजली पैदा की जा रही है जिसमें किसी भी तरह का कोई वायु प्रदूषण नहीं हो रहा। उन्होंने बताया कि फिलहाल हर घंटे 2 मेगावॉट बिजली का उत्पादन करते हुए सब स्टेशन में आपूर्ति दी जा रही है। उन्होंने बताया कि पॉवर प्लांट में पराली से गैस से इंजन चलेंगे और यह अपनी तरह की पहली तकनीक है।