15th August: भारत की आजादी का जश्न देशवासी धूमधाम से मना रहे हैं। 15 अगस्त 1947 को भारत अंग्रेजी हुकूमत की गुलामी से आजाद हो गया था। देश को गुलामी की जंजीरों से आजाद कराना आसान नहीं था। इस स्वतंत्रता के लिए देश के कई वीर सपूतों ने अपनी जान हंसते- हंसते गवां दी।
15 अगस्त 1947 के दिन भारत आजाद हुआ। लाल किले से तिरंगा फहराकर देश ने खुद को स्वतंत्र घोषित कर दिया। इसके बाद से हर साल लाल किले से प्रधानमंत्री ध्वजारोहण (Flag Hoisting) करते हैं। इसके अलावा 15 अगस्त को सरकारी, गैर सरकारी कार्यालयों, स्कूलों में भी ध्वजारोहण किया जाता है। लेकिन क्या आपको पता है कि ध्वजारोहण (Flag Hoisting) करने का सही तरीका और नियम क्या है? ध्वजारोहण कैसे किया जाता है? आइए जानते हैं 15 अगस्त पर ध्वजारोहण के नियम कानून के बारे में।
कैसा है भारत का राष्ट्रीय ध्वज?
भारत का राष्ट्रीय ध्वज तीन रंगों का है। इसे तिरंगा कहते हैं। तिरंगे में सबसे ऊपर केसरिया, बीच में श्वेत और सबसे नीचे हरा रंग होता है। श्वेत रंग पर नीले रंग का अशोक चक्र का चिन्ह होता है। अशोक चक्र में 24 तीलियां होती हैं। राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे के निर्माता पिंगली वेंकैया थे।
ध्वजारोहण और तिरंगा फहराने में अंतर
सबसे पहले तो आपको ये पता होना चाहिए कि 15th August को ध्वजारोहण किया जाता है और 26 जनवरी को तिरंगा फहराया जाता है। ध्वजारोहण और झंडा फहराने के बीच एक बड़ा अंतर है। जब तिरंगे को नीचे से रस्सी के माध्यम से खींचकर फहराया जाता है, तो इसे ध्वजारोहण (Flag Hoisting) कहते हैं। लेकिन 26 जनवरी में तिरंगा ऊपर ही बंधा होता है, जिसे पूरा खोलकर फहराया जाता है। इसे झंडा फहराना (Flag Unfurling) कहते हैं।
ध्वजारोहण के नियम कानून
- भारतीय झंडा हाथ से काते गए, हाथ से बुने गए ऊनी/ सूती/ सिल्क या खादी के कपड़े से बना होना चाहिए। झंडे की लंबाई और चौड़ाई का अनुपात 3:2 ही होना चाहिए।
- ध्वजारोहण करते समय झंडे को आधा झुकाकर नहीं फहराना चाहिए। बिना आदेश तिरंगे को आधा नहीं फहराया जा सकता।
- किसी को सलामी देने के लिए तिरंगे को झुकाया नहीं जा सकता।
- राष्ट्रीय ध्वज में किसी तरह की तस्वीर, पेंटिंग या फोटोग्राफ का इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए।
- फटा हुआ और मैला झंडा प्रदर्शित नहीं कर सकते। ध्वज के साथ किसी तरह की छेड़छाड़ नहीं करनी चाहिए।
- राष्ट्रीय ध्वज का प्रयोग व्यावसायिक प्रयोजनों के लिए नहीं किया जा सकता है।
- कागज के झंडे का चलन है लेकिन इस तरह के झंडे बाद में लोग फेंक देते हैं, ये पैरों के नीचे या कूड़े के ढेर में दिखाई देते हैं, जो राष्ट्रीय ध्वज का अपमान है। कागज का तिरंगा उपयोग कर रहे हैं तो बाद में उसे मर्यादित तरीके से एकांत में रख दें।
तिरंगा फहराने का सही समय
राष्ट्रीय ध्वज को फहराने का एक समय होता है। सूर्योदय से सूर्यास्त तक ही ध्वजारोहण कर सकते हैं। सूर्यास्त यानी शाम होने के बाद तिरंगे को उतार देना चाहिए। तिरंगे को हमेशा ऐसी जगह फहराएं, जहां से वह स्पष्ट दिखाई दे सके।