Home रेवाड़ी बाल विवाह रोकने को लेकर हुए जागरूकता कार्यक्रम

बाल विवाह रोकने को लेकर हुए जागरूकता कार्यक्रम

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जिला कार्यक्रम अधिकारी उर्मिल सिवाच ने बताया कि बाल विवाह कराना प्रतिषेध अधिनियम 2006 के तहत कानूनी अपराध है। अक्षय तृतीया पर बाल विवाह रोकने के लिए जिला में जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है, जिसमें सभी को सहयोग करना चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि किसी को बाल विवाह करवाने संबंधी कोई जानकारी मिले तो उसकी सूचना तुरंत पुलिस व जिला प्रशासन को दें।
 

जिला बाल सरंरक्षण अधिकारी दीपिका यादव, गैर संस्थागत अधिकारी करूणा यादव, सीडीपीओ सुमन यादव ने मिलकर तेजपुरा मोहल्ला व सैनी चौपाल पर तथा संस्थागत अधिकारी सरस्वती यादव व एलपीओ रेखा यादव द्वारा राजकीय विद्यालय सुठानी में जागरूकता कैंप लगाकर जागरूक आमजन को जागरूक किया गया। सोनू यादव, नीतू सैनी ने गांव रामपुरा में कैंप लगाकर बाल विवाह अधिनियम, पोक्सो एक्ट, गुड टच-बेड टच, बाल श्रम व मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना की जानकारी दी। इस अवसर पर रेवाड़ी जिला में अनेक जगहों पर जागरूकता कैंप का आयोजन किया गया और बाल विवाह न करने की शपथ दिलाई गई।
 

जिला बाल संरक्षण अधिकारी दीपिका यादव ने महिलाओं व आमजन से आह्वान किया कि बाल विवाह जैसी बुराई को जड़ से खत्म करने में अपना सहयोग दें। आमजन के सहयोग से ही ऐसी कुरीतियों को रोका जा सकता है। यदि लडक़ा व लडक़ी का विवाह निर्धारित आयु से कम आयु में किया जाता है तो यह संज्ञेय और गैर जमानती अपराध है ।

उन्होंने बताया कि ऐसा कोई भी व्यक्ति जो बाल विवाह करवाता है या उसकी सहायता करता है तो 2 साल तक की सजा और एक लाख रुपए तक का जुर्माना हो सकता है। बाल विवाह के आयोजन से संबंधित जानकारी देने के लिए आमजन बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारी, पुलिस हेल्पलाइन नंबर 112, मैजिस्ट्रेट या चाइल्ड हेल्पलाइन नम्बर 1098 पर संपर्क कर सूचना दें ताकि समय पर हस्तक्षेप करके नाबालिग के विवाह को रुकवाया जा सके।