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हरियाणा में अब बिजली की नहीं कोई कमी, अडाणी की यूनिटों से मिल रही 600 मैगावाट बिजली

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मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले कुछ दिनों में प्रदेश में 1800 मैगावाट तक बिजली की कमी चल रही थी। बिजली की यह कमी कई स्रोतों से बिजली न मिलने और साथ ही समय से पहले अत्यधिक गर्मी पड़ने के कारण हुई, जिससे पिछले साल के मुकाबले इस वर्ष बिजली की खपत अधिक हुई है। वर्तमान समय में बिजली की मांग पिछले साल की तुलना में 700 से 800 लाख यूनिट अधिक है। इस समय राज्य की अधिकतम मांग 9874 मैगावाट तक पहुंच गई है जबकि बिजली की आपूर्ति भी 9874 मैगावाट है। गत 16 मई से हम खपत के बराबर बिजली आपूर्ति करने में सफल रहे हैं।

 

उन्होंने कहा कि अडाणी की यूनिटों से भी 600 मैगावाट बिजली मिलनी शुरू हो गई है तथा वहां से और भी बिजली मिलने की संभावना है। आगामी 30 मई तक खेदड़ यूनिट-2 से अतिरिक्त 600 मैगावाट बिजली उपलब्ध हो जाने की सम्भावना है। इसी तरह 26 मैगावाट सौर व पवन ऊर्जा मिलने लगी है और 15 जून तक 127 मैगावाट सौर ऊर्जा और भी उपलब्ध हो जाएगी।

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उन्होंने कहा कि उपलब्धता बढ़ने से एपी उपभोक्ताओं के लिए सप्लाई शेड्यूल बढ़ाकर प्रतिदिन 8 घंटे निर्बाध कर दिया जाएगा। आगामी 1 जून से यह मांग और भी बढ़ने की संभावना है क्योंकि कृषि क्षेत्र में धान के लिए जमीन तैयार करनी शुरू हो जाएगी और 15 जून से धान की रोपाई शुरू होगी। उन्होंने कहा कि धान की खेती के लिए प्रतिदिन राज्य में 6 लाख 61 हजार नलकूप चलाए जाते हैं। जिससे बिजली की मांग बढ़कर 24 करोड़ यूनिट हो जाएगी। इस बिजली की आपूर्ति के लिए जम्मू-कश्मीर से 300 मैगावाट बिजली का प्रबंध किया गया है।

 

मुख्यमंत्री ने कहा कि हम राज्य से बाहर भी बिजली संयंत्र स्थापित करने की भी योजना है। इसके अलावा, राज्य द्वारा विभिन्न बिजली बचत उपायों को भी अपनाया गया है। मनोहर लाल ने कहा कि बिजली की आपूर्ति बढ़ाने के साथ साथ बचत पर भी जोर दिया जा रहा है। उजाला योजना के तहत घरेलू उपभोक्ताओं को अब तक कुल 1.56 करोड़ एलईडी बल्ब वितरित किए गए हैं। इससे प्रति वर्ष 2027 मिलियन यूनिट की बचत हुई है और पीक डिमांड में 406 मैगावाट की कमी आई है। इस योजना के तहत घरेलू उपभोक्ताओं को अब तक कुल 2,13,302 एलईडी ट्यूबलाइट वितरित की जा चुकी हैं। इससे प्रति वर्ष 9.34 मिलियन यूनिट ऊर्जा की बचत हुई है और उजाला पोर्टल डैशबोर्ड के अनुसार पीक डिमांड में 4 मैगावाट की कमी आई है। इसके अलावा, उजाला योजना के तहत घरेलू उपभोक्ताओं को कुल 60,709 ऊर्जा कुशल पंखे वितरित किए गए हैं। इससे प्रति वर्ष 5.65 मिलियन यूनिट ऊर्जा की बचत हुई है और पीक डिमांड में 2 मैगावाट की कमी आई है।

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