रेवाड़ी, 18 नवंबर. पूरे हरियाणा प्रदेश में सभी निजी स्कूलों के प्रॉपर्टी टैक्स माफ करने के आदेश को वापस लेने के बारे में वकीलों ने आज मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा. अतिरिक्त उपायुक्त आशिमा सांगवान को सौपे गए इस ज्ञापन में वकीलों ने मांग की , कि निजी स्कूलों का प्रॉपर्टी टैक्स माफ किया जाना, ना केवल राजस्व का नुकसान करने के लिए पर्याप्त है, बल्कि जन भावनाओं के खिलाफ उठाया गया कदम है. सरकार के इस आदेश की आलोचना करते हुए ज्ञापन में कहा गया है कि आम जनता अपने खून पसीने की कमाई से अपने बच्चों का भविष्य सुधारने के लिए अत्यधिक मनमानी फीस निजी स्कूलों में अदा करने को मजबूर रही है .
कोरोना काल में भी आम जनता से निजी स्कूलों ने अपना दबाव बनाकर फीस वसूली कठिन हालात में भी निजी स्कूलों ने प्रदेश सरकार के कोरोना काल में आदेश स्कूल बंद कराने के आदेश की भी अवहेलना की थी. सरकार के खिलाफ पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में अपील दायर की थी. इसके अलावा निजी स्कूल लगातार नियम 134 ए कि आवहेलना करते रहे हैं , और समय-समय पर उच्च न्यायालय में आदेश को चुनौती देते रहे हैं. ऐसे में प्रदेश सरकार द्वारा इनका प्रॉपर्टी टैक्स माफ करना सरकार की प्रतिष्ठा को गिराने वाला कदम है .
ज्ञापन में वकीलों ने मांग की है, कि ऐसे आदेश को तुरंत प्रभाव से वापस लिया जाए और निजी स्कूलों को किसी प्रकार की प्रॉपर्टी टैक्स में छूट ना दी जाए. ज्ञापन सौंपने वालों में एडवोकेट अश्विनी कुमार तिवारी, रजवंत सिंह डहीनवाल, कैलाश चंद, योगेश यादव, प्रवीण कुमार शर्मा, त्रिलोक चंद तोगंड , चौधरी कुलदीप सिंह , निगेश शर्मा, विनोद कुमार ,हितेश्वर यादव, ललित सैनी भूपेंद्र शर्मा, राजू आदलक्खा आदि शामिल रहे.