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रेवाड़ी: अबकि बार कृमि मुक्त अभियान में जिला के 3 लाख 58 हजार 529 बच्चों व महिलाओं को किया जाएगा कवर

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राष्ट्रीय कृमि मुक्ति अभियान: जिलाभर में आगामी 10 फरवरी को राष्ट्रीय कृमि मुक्ति अभियान के तहत सभी स्कूल, अन्य शिक्षण संस्थाओं और आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों सहित 20 से 24 साल तक की महिलाओं को पेट के कीड़े मारने की एल्बेंडाजोल दवाई नि:शुल्क रूप से खिलाई जाएगी। इस अभियान को सफल बनाने के लिए सोमवार को एडीसी स्वप्रिल रविंद्र पाटिल ने स्वास्थ्य, शिक्षा, महिला एवं बाल विकास व पंचायती राज विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक करते हुए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। एडीसी ने कहा कि 10 फरवरी के उपरांत 17 फरवरी को स्वास्थ्य विभाग की ओर से मॉप अप राऊंड भी चलेगा जिसमें शेष बच्चे व महिलाओं को कवर किया जाएगा।

एडीसी पाटिल ने कहा कि जब पेट में कीड़े हो जाते हैं तो बच्चों में शारीरिक मानसिक विकार आता है और बच्चों पर इसका गहरा हानिकारक असर पड़ता है। उन्होंने कहा कि अनीमिया मुक्त हरियाणा के लिए कृमि मुक्ति कार्यक्रम अति आवश्यक है। सभी विभाग स्वास्थ्य विभाग के साथ समन्वय स्थापित कर इस अभियान को आगे बढ़ाएं। यह बच्चों के स्वास्थ्य से जुड़ा मामला है।

कार्यक्रम के अंतर्गत शत -प्रतिशत बच्चों को खिलाई जाए दवा

एडीसी ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे स्कूल में दवा देते समय यह सुनिश्चित करें कि शत प्रतिशत बच्चों को कवर किया जाए। ईंट भटठों पर भी अभियान के तहत बच्चों को दवा दी जाए। साथ ही यह भी ध्यान रखा जाए कि किस आयु वर्ग के बच्चे को कितनी मात्रा में दवा खिलानी है। उन्होंने बताया कि यह दवा 1 वर्ष से 19 साल तक के लड़के-लड़कियों और 20 से 24 साल तक की शादीशुदा महिलाओं को यह डोज दी जाएगी।

उन्होंने बताया कि 10 फरवरी को यह कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा तथा जो बच्चें 10 फरवरी को नहीं खा पाए हैं उन शेष बच्चों को 17 फरवरी को एलबेंडाजोल की दवाई दी जाएगी जो इस कार्यक्रम में रह जाएंगे और किसी कारणवश दवाई नहीं ले पाएंगे। उन्होंने बताया कि इस अभियान में 3 लाख 58 हजार 529 बच्चों, किशोरियों व महिलाओं को कवर किया जाएगा, जिसमें सरकारी व निजी स्कूलों, आंगनवाड़ी केन्द्रों के 3 लाख 41 हजार 779 बच्चे तथा 20 से 24 वर्ष तक की 16 हजार 750 महिलाएं शामिल हैं।

छोटे बच्चों को आधी गोली पीसकर और बड़े बच्चों को पूरी टेबलेट

कार्यक्रम के नोडल अधिकारी एवं डिप्टी सीएमओ डॉ विजय प्रकाश ने बैठक में एडीसी स्वप्निल रविन्द्र पाटिल को जानकारी देते हुए बताया कि सभी स्कूल में एल्बेंडाजोल की आपूर्ति कर दी जाएगी। यह गोली एक से दो साल तक के छोटे बच्चों को आधी पीसकर, 2 से 3 वर्ष के बच्चों को पूरी गोली पीसकर चबाकर खानी है। गोली खाली पेट नहीं लेनी है कुछ खाकर ही गोली लिया जाना सुनिश्चित किया जाए।

गोली लेने के तुरंत बाद एक गिलास पानी पीना बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि बच्चों के पेट में कीड़े होने से कई तरह की बीमारियां उन्हें घेर लेती हैं। बच्चों को लाल चकत्ते त्वचा पर हो जाते हैं, इसके साथ-साथ उनकी आंखों पर भी फर्क पड़ता है। बच्चों की प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती है। बच्चों को खाना खाने से पहले बार-बार हाथ धोने और खुले में शौच न करने के प्रति भी जागरूक करें। उन्होंने कहा कि जो बच्चे नाखून चबाते हैं वह अपनी आदतों में सुधार लाएं क्योंकि इससे पेट में कीड़े होने की आशंका ज्यादा से ज्यादा रहती है। इसलिए बच्चे नाखून ना चबाएं।

उन्होंने कहा कि अभिभावक भी अपने बच्चों को इसके प्रति जागरूक करें। उन्होंने बताया कि यदि कोई बच्चा पहले से ही बुखार या अन्य कोई दवाई ले रहा हो तो वह इस दवाई को ना ले। खासकर यदि किसी बच्चे को मिर्गी के दौरे आते हो तो वह भी इस दवाई को ना ले। बच्चों को दवाई देने के बाद यदि कोई समस्या आती है तो तुरंत संबंधित आशा वर्कर या आंगनवाड़ी वर्कर से संपर्क करें।