भारतीय रेलवे का नेटवर्क पूरे भारत में फैला है,और बड़ी संख्या में लोग एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाने के लिए रेल का उपयोग करते है। लोगों को ट्रेन में सफ़र करना पसंद है क्योंकि रेल में कई तरह की सुविधाएं मिलती हैं। लेकिन अब यात्री त्योहारों के समय टिकिट बुक करते है तो उनको कंफर्म टिकट नहीं मिल पाती है। कई बार किसी कारणवश टिकिट कैंसिल करनी पड़ती है। लेकिन रेलवे के कुछ नियम है अगर आप उनको फॉलो नही करेंगे तो आपको नुकसान का सामना करना पड़ सकता है। आइये जानते है इन नियमो के बारे में….
रेल टिकट कैंसिल करते समय चार्ज
कंफर्म टिकट पर चार्ज
अगर आपकी टिकट कंफर्म है, तो आप इसे ट्रेन के छूटने के समय से 48 घंटे पहले तक कैंसिल करा सकते हैं। इसमें एसी फर्स्ट क्लास की टिकट पर 240 रुपये, एसी टू टियर पर 200 रुपये, स्लीपर क्लास पर 120 रुपये, टू सिटर पर 60 रुपये, एसी थ्री टियर और एसी चेयर कार की टिकट पर 180 रुपये चार्ज लगता है।
वेटिंग या आरएसी पर चार्ज
भारतीय रेलवे के हर चीज को लेकर अपने अलग-अलग नियम हैं, जिन्हें पहले ये तय किया गया है। हालांकि, समय-समय पर इनमें बदलाव होता रहता है। अब जैसे अगर आप की वेटिंग या आरएसी की स्लीपर क्लास की टिकट है, तो आप ट्रेन के स्टेशन से छूटने से 30 मिनट पहले तक इसे कैंसिल करा सकते हैं। रेलवे इस पर 60 रूपये बतौर कैंसिलेशन चार्ज के रूप में काटता है।
तत्काल टिकट पर कैंसिलेशन चार्ज?
अगर आप तत्काल टिकट कैंसिल कराने की सोच रहे हैं, तो इसको लेकर भी रेलवे का अपना नियम है। इसके मुताबिक इस टिकट के कैंसिलेशन पर आपको कुछ भी रिफंड राशि नहीं मिलती है।
अन्य जरूरी जानकारी
अगर बाढ़ जैसी स्थिति में ट्रेन कैंसिल होती है, तो टिकट का पूरा रिफंड होता है। इसके लिए आपको यात्रा के तीन दिन के अंदर अपनी ट्रेन टिकट कैंसिल करवानी होती है। वहीं, ट्रेन की टिकट कैंसिल कराने को लेकर रेलवे के और भी कुछ नियम हैं। अगर आप 12 घंटे से पहले अपनी कंफर्म टिकट को कैंसिल कराते हैं, तो टिकट के मूल्य का 25 फीसदी चार्ज काटा जाता है। लेकिन रेल के स्टेशन छोड़ने से 12 से 4 घंटे पहले अगर आप टिकट कैंसिल कराते हैं, तो ये चार्ज टिकट के मूल्य का 50 फीसदी हो जाता है।