मुख्य सचिव ने कहा कि किसी भी अप्रिय स्थिति को टालने के लिए पूर्व व्यवस्था की जानी चाहिए । उन्होंने संबंधित अधिकारियों को बाढ़ से संबंधित सभी कार्यों और परियोजनाओं की प्रगति की निगरानी करने और यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि ये सभी समय से पहले पूरी हो जाएं। उन्होंने अधिकारियों को राज्य में अतिप्रवाहित पानी के चैनलों की पहचान करने और पंपों के माध्यम से अतिरिक्त पानी की निकासी के आवश्यक प्रबंध करने के भी निर्देश दिए। इसके अलावा, नालों की सफाई और गाद निकालने का कार्य भी तुरंत किया जाए।
नालों की जल्द से जल्द सफाई सुनिश्चित करने के लिए मुख्य सचिव ने निर्देश देते हुए कहा कि जिला उपायुक्त बाढ़ नियंत्रण कार्यों में तेजी लाने के लिए उपमंडल अधिकारियों और सिंचाई विभाग के अन्य अधिकारियों को नियुक्त करें और ये अधिकारी व्यक्तिगत रूप से नालों और बाढ़ नियंत्रण कार्य स्थलों की सफाई का निरीक्षण करें। उन्होंने अधिकारियों को किए गए कार्यों के सत्यापन के बाद रिपोर्ट सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव को सौंपने के निर्देश दिए।
आगामी मानसून सीजन में भारी बारिश के दौरान राज्यभर में जलमग्न क्षेत्रों में पानी की निकासी के लिए कौशल ने संबंधित अधिकारियों को पंपसैट की पर्याप्त व्यवस्था करने के निर्देश दिए। उन्होंने लघु, मध्यम और दीर्घकालीन बाढ़ सुरक्षा योजनाओं की स्थिति की भी समीक्षा की। मुख्य सचिव ने सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग के पास बाढ़ नियंत्रण के लिए उपलब्ध मशीनरी की स्थिति की भी समीक्षा की। उन्होंने बिजली विभाग को निर्देश दिए कि मानसून सीजन के दौरान सिंचाई विभाग को जहां भी बिजली कनेक्शन की आवश्यकता हो, उन्हें उपलब्ध होने चाहिए।