Heat wave and Heat stroke: रेवाड़ी सिविल सर्जन डा. सुरेंद्र यादव ने कहा कि गर्मी के मौसम में लू लगने से बीमार होने के अनेक मामले आते हैं। कुछ जरूरी सावधानियां अपनाकर इनसे बचा जा सकता है। उन्होंने कहा कि ग्रीष्म ऋतु में लू (Heat wave and Heat stroke)चलना आम बात है। लू लगने का प्रमुख कारण शरीर में नमक और पानी की कमी होना है। पसीने के रूप में नमक और पानी का बड़ा हिस्सा शरीर से बाहर निकल जाता है और खून में गर्मी बढ़ जाती है।
लू के मुख्य लक्षण
सीएमओ डा. सुरेंद्र यादव ने बताया कि सिर में भारीपन और दर्द होना, तेज बुखार के साथ मुंह का सूखना, चक्कर और उल्टी आना, कमजोरी के साथ शरीर में दर्द होना, शरीर का तापमान अधिक हो जाने के बाद भी पसीने का न आना, अधिक प्यास और पेशाब कम आना, भूख कम लगना एवं बेहोश होना लू (Heat wave and Heat stroke) के मुख्य लक्षण हैं।
लू से बचाव के लिए ये करें उपाय
उन्होंने बचाव के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि लू (Heat wave and Heat stroke) से पीड़ित व्यक्ति के सर पर ठण्डे पानी की पट्टी लगाएं। अधिक पानी व पेय पदार्थ पिलाएं जैसे कच्चे आम का पना, छाछ, जल जीरा आदि। पीड़ित व्यक्ति को पंखे के नीचे हवा में लिटा दें। शरीर पर ठंडे पानी का छिड़काव करते रहे। पीड़ित को यथाशीघ्र किसी नजदीकी चिकित्सा केन्द्र में उपचार हेतु ले जाएं।
लू से बचाव के लिए क्या करें
डा. सुरेंद्र यादव ने सलाह दी कि लू व हीट स्ट्रोक (Heat wave and Heat stroke) से बचाव के लिए गर्मी के दौरान बाहर न जाएं। अत्यधिक गर्मी के घंटों के दौरान बाहर जाने से बचें-विशेष रूप से दोपहर 12 बजे से 3 बजे के बीच। नंगे पैर या बिना चेहरे व सिर को ढके बाहर न जाएं। शराब, चाय, काफी और कार्बोनेटेड पेय, पीने से बचे जो शरीर को निर्जलित करते है। उच्च प्रोटीन, मसालेदार और तैलीय भोजन खाने से बचें, बासी खाना न खाएं। बीमार होने पर बाहर धूप में न जाएं, घर पर ही रहें।