जिले से निकलने वाला कूड़ा स्थानीय लोगों के लिए बड़ी मुसीबत बना हुआ है . इस कूड़े का कहीं निस्तारण नहीं किया जा रहा है जिस के कारण पर्यावरण भी ख़राब हो रहा है. जिला प्रशासन शहर से निकलने वाले कचरें के निस्तारण के लिए करीबन दो दशकों से योजनायें बना रहा है . लेकिन अभीतक जिले में सॉलिड वेस्ट मेनेजमेंट प्लांट तैयार नहीं किया है. पहले प्रशासन ने जमीन तलाशने में वर्षों लगा दिए , फिर जमीन मिली तो सबंधित विभाग को जमीन की राशि देकर जमीन नगर परिषद् के नाम कराने में वर्षों लगाए , फिर एनजीटी से एनओसी लेने में वक्त लगा और अब प्रशासन कह रहा है की जल्द सॉलिड वेस्ट मेनेजमेंट प्लांट को सिरे चढ़ायेंगे.
दिल्ली-जयपुर हाइवे पर रेवाड़ी के रामसिंहपुरा गाँव में फिलहाल शहर से निकलने वाले कूड़े को नगर परिषद् डंप करा रही है . इसी स्थान पर बावल नगर पालिका और धारूहेड़ा नगर पालिका से कूड़ा डम्प किया जाता है और प्लांट बनने के बाद महेंद्रगढ़ जिले से भी कूड़ा यहाँ आना है .इसलिए दोनों जिले के बजट से ये प्लांट तैयार किया जाना है . लेकिन फिलहाल अधिकारीयों के तालमेल की वजह से मामला ठंडे बस्ते में है .
रामसिंहपूरा में कूड़ा डंप करके कूड़े में आग लगा दी जाती है. स्थानीय लोग इस बारे में कई बार विरोध प्रदर्शन कर चुके है और जिलाधीश भी मौके पर पहुंचकर नगर परिषद् के अधिकारीयों को फटकार लगा चुके है . वहीँ प्रदुषण नियंत्रण बोर्ड धारूहेड़ा नगर परिषद् रेवाड़ी और नगर पालिका बावल पर दो लाख रूपए का जुर्माना भी लगा चूका है बावजूद इसके डंपिंग साईट पर कूड़े को जलाया जाता रहा है . जिसके कारण पर्यावरण ख़राब हो रहा है . स्थानीय लोग लगातार शासन प्रशासन से इस समस्या के समाधान कराने की मांग कर रहे है . और इसी मांग को पूरा कराने के लिए कैबिनेट मंत्री डॉ बनवारी लाल ने केन्द्रीय मंत्री राव इन्द्रजीत सिंह के सामने ये मुद्दा उठाया था.
नगर परिषद् के कार्यकारी अभियंता विजय पाल का कहना है की रामसिंहपुरा में एकत्रित कचरे को शीघ्र ही उठवाया जाएगा। नप की ओर से टेंडर निकाल दिया गया है तथा 15 अगस्त से पहले टेंडर छोड़ा जाएगा। इसके अतिरिक्त लियो चौक के निकट स्थित प्वाइंट को भी पूरी तरह से कवर करा रहे हैं तथा यहां पर कचरा अलग-अलग करने का भी काम किया जाएगा। कचरे के उचित निस्तारण को लेकर हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं।