नाहड़ ब्लॉक के सरपंच एसोसिएशन के महासचिव नेहरुगढ़ के युवा सरपंच आशीष प्रजापति ने कहा कि गांवो में युवाओं को सरपंच चुना है ताकि मोदी के डिजिटल इंडिया की तर्ज पर गांव का चहुमुखी विकास हो सके लेकिन 2 लाख की सीमा में विकास की बाते करना भी बेमानी होगी.
हम सरकार से टकराव के मूड में कतई नही है लेकिन हकों पर कैंची भी बर्दाश्त नही करेंगे चाहे हमे कितना ही बड़ा आंदोलन करना पड़े, सरकार सरपंचों के अधिकार क्षेत्र को बढ़ाने की बजाय कम कर रही है उनके हकों को भी छिनना चाहती है. जब यह ई- टेंडरिंग योजना लागू करनी थी तो सरपंचों की क्या जरूरत थी. दो माह में ही सरकार ने सरपंचों को आरोपी ठहरा दिया. उपस्थित सरपंचों ने कहा कि जब तक ई- टेंडरिंग रद्द नही होगी तब तक धरना-प्रदर्शन जारी रहेगा तथा हम गाँव में ग्राम सभाओं का आयोजन भी नहीं करेंगे. शांतिपूर्ण ढंग से असहयोग आंदोलन चलाएंगे.
सरपंचों की मांग :- नाहड़ ब्लाक के सभी सरपंचों ने बी.डी.पी.ओ. के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन सोंपकर प्रदेश सरकार से मांग की है कि पंचायतों की 2 लाख की विकास राशि को बढ़ाकर 25 लाख किया जाए ताकि गाँव के सभी विकास कार्य पूरे हो सके. उन्होंने कहा कि अगर सरकार ने ई- टेंडरिंग को रद्द नहीं किया तो सभी सरपंच बी.डी.पी.ओ. कार्यालय नाहड़ में साकेतिक धरना जारी रखंगे तथा प्रदेश स्तर पर एक बड़ा आन्दोलन भी किया जाएगा.
तीसरे दिन के धरने में एसोसिएशन के संरक्षक सादत नगर के सरपंच पहलाद,कोषाध्यक्ष जुड्डी के सरपंच अजित सिंह,कोहाड़ के सरपंच रणबीर,गुड़ियानी के सरपंच नरेंद्र,कोसली गांव के सरपंच रामकिशन जांगड़ा, मुमताजपुर के सरपंच सज्जन सिंह,ख़ुर्शीदनगर के सरपंच महाबीर,लिलोढ़ के सरपंच भगवान देव समेत नाहड़ ब्लॉक के अन्य गॉंवों के सरपंच भी उपस्थित थे.