‘कौन कहता है आसमां में सुराख हो नहीं सकता, एक पत्थर तो तबियत से उछालो यारों…’ कवि दुष्यंत कुमार की ये पंक्तियां रेवाड़ी डीसी अशोक कुमार गर्ग पर स्टीक बैठती हैं। डीसी अशोक कुमार गर्ग जरूरतमंदों तक शिक्षा की लौ जलाने के लिए निरंतर प्रयासरत हैं। डीसी द्वारा अपने फेसबुक सोशल मीडिया पेज के माध्यम से रेवाड़ी जिला के गरीब व असहाय बच्चों को निशुल्क पढ़ाने व लाइब्रेरी चलाने के लिए इच्छुक नौजवानों व सेवानिवृत व्यक्ति से आगे आने के लिए किए गए आह्वान के परिणाम स्वरूप नौजवान व सेवानिवृत व्यक्ति बढ़चढ़कर आगे आ रहे हैं।
डीसी के फेसबुक पेज से जुड़े साथी व यूजर्स डीसी अशोक कुमार गर्ग की इस मुहिम की मुक्त कंठ से दिल खोलकर सराहना व प्रशंसा कर रहे हैं और उनकी इस मुहिम में सहभागी बनने के लिए अपना नाम, पता व संपर्क नंबर बढ़चढक़र कमेंट बाक्स में शेयर कर रहे हैं। उल्लेखनीय है कि रेवाड़ी डीसी अशोक कुमार गर्ग ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म फेसबुक पर अशोक कुमार आईएएस नाम से फेसबुक पेज बनाया हुआ है, जिस पर उनके 8 हजार से अधिक फोलोवर्स हैं, जिनमें सभी वर्ग के व्यक्ति शामिल हैं।
फेसबुक सोशल मीडिया पेज के माध्यम से आह्वान किया
डीसी गर्ग ने अपने फेसबुक सोशल मीडिया पेज के माध्यम से यह आह्वान किया है कि जो भी इच्छुक नौजवान व सेवानिवृत व्यक्ति अपनी इच्छा से वालंटियर के तौर पर अपना समय गरीब बच्चों को निशुल्क पढ़ाने व लाइब्रेरी चलाने के लिए दे सकते हैं, वे अपना नाम, पता व संपर्क नंबर शेयर करें ताकि उनसे मिलकर शिक्षा की मुहिम को आगे बढ़ाया जा सके। डीसी की इस पोस्ट को अब तक सैंकड़ों यूजर्स लाइक कर चुके हैं और पोस्ट पर कमेंट के माध्यम से डीसी द्वारा उठाए गए इस कदम की प्रशंसा कर रहे हैं।
अनेक यूजर्स ने कमेंट में लिखा कि आपने बहुत ही सराहनीय कदम उठाया है। यूजर्स ने लिखा है कि आपका काम करने का तरीका लाजवाब है सर। इतने बड़े पद पर होकर भी आप मानवीय आधार पर जरूरतमंद की मदद के लिए सोचते हो और उनके लिए काम करते हो यह एक अतुलनीय कदम है। एक अन्य यूजर ने लिखा कि एक आईएएस अधिकारी जब जनता से सीधे जुडक़र जनता के विकास की योजना बनाता है तो यह बहुत ही उत्कृष्ट और ईश्वरीय कार्य होता है।
सामाजिक विकास का आधार स्तंभ बन सकती है शिक्षा : डीसी
डीसी अशोक कुमार गर्ग का कहना है कि वे गरीब व निर्धन बच्चों में शिक्षा की अलख जगाने के लिए प्रयासरत हैं। उनकी एक ही सोच है कि आर्थिक अभाव में कोई भी बच्चा अच्छी शिक्षा पाने से वंचित न रहे। मानव जीवन में शिक्षा व साक्षरता का विशेष महत्व है। शिक्षा के माध्यम से गरीब बच्चों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ा जा सकता है।
यह बच्चों को उनके अधिकारों और कर्तव्यों के प्रति जागरूक करते हुए सामाजिक विकास का आधार स्तंभ बन सकती है। नौजवानों व सेवानिवृत्त व्यक्तियों को चाहिए कि वे जनहित में अपने व्यस्त समय में से थोड़ा समय गरीब व निर्धन बच्चों को शिक्षित करने के लिए निकालें।