रेवाड़ी नागरिक अस्पताल जिसकी बहुमंजिला ईमारत और इस इमारत में अलग –अलग बिमारियों के विशेषज्ञ चिकित्सक मरीजों की सेवा के लिए उपलब्ध है. लेकिन मरीजों के लिए दवाइयों की यहाँ भारी कमी है. हालात तस्वीरों में देख सकते है कि अस्पताल के मेडिकल स्टोर में दवाइयों से भरे रहने वाले रैक खाली पड़े हुए है. बाहर दवाई लेने के लिए मरीज इंतजार में खड़े है. मरीजों का कहना है कि सस्ती दवाइयां अंदर मिल जाती है. लेकिन महंगी दवाइयां बाहर ही मिलती है. अस्पताल में तो केवल ओपीडी का ही फायदा मिल रहा है.
दवाइयां की कमी के कारण मरीजों को हो रही परेशानी के बारे में हमने रेवाड़ी सिविल सर्जन और नागरिक अस्पताल के प्रिंसिपल मेडिकल ऑफिसर से भी बात की. जिन्होंने कहा कि दवाइयों की कमी है. जिसे जल्द दूर किया जायेगा. सीएमओ ने कहा कि दवाइयों के लिए बजट की कोई कमी नहीं है और बजट जारी किया जा चूका है.
दरअसल कमी सिस्टम की है. क्योंकि जिस सरकारी वेयरहाउस से दवाइयां आती है. वहां दवाइयां उपलब्ध नहीं होती है तो नोट अवेलेबल सर्टिफिकेट चाहिए होता है. ताकि अस्पताल प्राइवेट परचेज करके दवाइयां उपलब्ध करा सके और जितनी दवाइयाँ खरीदने के लिए अनुमति दी गई है वो मरीजों और खपत के हिसाब से नाकाफी है. जिसके कारण अक्सर इसी तरह की समस्या सरकारी अस्पतालों में बनी रही है.
इसके लिए जरुरी है कि सरकारी वेयरहाउस में दवाइयों का स्टॉक उपलब्ध कराएं या प्राइवेट परचेज करने की समय अवधि को कम किया जाएँ. ताकि गरीब मरीजों को समय पर मुफ्त दवाइयां उपलब्ध कराई जा सकें.