महामारी अलर्ट-सुरक्षित हरियाणा के तहत हरियाणा सरकार ने नई गाइडलाइंस जारी की हैं। प्रदेश के सिनेमाघर, मल्टीप्लेक्स और थिएटर 50प्रतिशत क्षमता के साथ खोलने की अनुमति दी गई है। विश्वविद्यालयों, कॉलेज, स्कूलों (10वीं से 12वीं) व अन्य शिक्षण संस्थानों को भी 1 फरवरी से खोलने के आदेश जारी किए है।
जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण चेयरमैन एवं डीसी यशेन्द्र सिंह ने बताया कि राज्य सरकार के महामारी अलर्ट-सुरक्षित हरियाणा के तहत जारी दिशा-निर्देशों की अनुपालना में रेवाड़ी जिला में एक फरवरी से 10वीं से 12वीं तक के स्कूलों के साथ ही विश्वविद्यालयों, कॉलेजों, पॉलिटेक्निक, आईटीआईएस, कोचिंग संस्थानों, पुस्तकालयों और प्रशिक्षण संस्थानों (सरकारी व निजी) भी खुल सकेगें। संस्थाओं को कक्षाओं में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना होगा व मास्क पहनना अनिवार्य होगा। रेगुलर सेनेटाइजेशन अनिवार्य होगा। उन्होंने बताया कि संबंधित संस्थान 15 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के सभी छात्रों को शारीरिक कक्षाओं में भाग लेने के दौरान टीकाकरण की कम से कम पहली खुराक लेने वालों को ही अनुमति होगी। उन्होंने बताया कि थिएटर, मल्टीप्लेक्स को 50 प्रतिशत बैठने की क्षमता के साथ खोलने की अनुमति है, जो सामाजिक दूरी मानदंड, नियमित स्वच्छता और कोविड-19 उपयुक्त व्यवहार मानदंडों के तहत लागू रहेगें।
चेयरमैन एवं डीसी यशेन्द्र सिंह सभी संबंधित विभाग इसे लागू करने के लिए दिशा-निर्देश जारी करेंगे। उन्होंने बताया कि 10 फरवरी प्रात: 5 बजे तक उक्त आदेश प्रभावी ढंग से लागू रहेंगे। चेयरमैन एवं डीसी यशेंद्र सिंह ने बताया कि जिला में बाजार की दुकानें व मॉल के खुलने का समय सांय 7 बजे तक का किया गया है परंतु आवश्यक आपूर्ति जैसे दूध, दवाइयां आदि की दुकानें पहले की तरह पूरे समय खोली जा सकती हैं।
कोविड उपयुक्त व्यवहार की अवहेलना करने वालों के कटेंगे चालान
चैयरमेन ने कहा कि कोविड अनुकूल व्यवहार का उल्लंघन करने वालों तथा मास्क नहीं पहनने और सोशल डिस्टेंसिंग आदि नियमों का पालन नहीं करने वाले व्यक्ति पर 500 रुपये का जुर्माना किया जाएगा और जिस मॉल या संस्थान में व्यक्ति इन नियमों की अवहेलना करते पाए जाएंगे, तो उस संस्थान या मॉल पर 5000 रुपये जुर्माना होगा। जुर्माना न अदा करने पर आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 की धारा 51 व 60 के अतिरिक्त भारतीय दंड संहिता 188 के तहत कार्रवाई होगी।
इन आदेशो की उल्लंघन करने वालों के खिलाफ आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 की धारा 51 से 60 और आईपीसी की धारा 188 के तहत कार्रवाई की जाएगी।