अनुसूचित जाति के परिवारों को मत्स्य पालन हेतु अनुसूचित जाति वेलफेयर योजना के तहत सरकार द्वारा वित्तीय सहायता प्रदान की जा रही हैं। इस योजना का लाभ लेने के लिए आवेदन पत्र सरल पोर्टल के माध्यम से ही ऑनलाइन स्वीकार किए जाते हैं ।
डीसी यशेन्द्र सिंह ने यह जानकारी देते बताया कि इच्छुक व्यक्ति की आयु 18 से 60 वर्ष होनी चाहिए तथा तहसीलदार द्वारा जारी अनुसूचित जाति प्रमाण पत्र आवेदन पत्र के साथ लगाना अनिवार्य है। प्रार्थी जिलावासी तथा मछली पालन के लिए तालाब भी जिला की सीमा में स्थित होना चाहिए। प्रार्थी का चयन पहले आओ-पहले पाओ के आधार पर किया जाएगा।
उपायुक्त ने बताया कि ग्रामीण तालाबों को मछली पालन हेतु प्रथम वर्ष पट्टे पर लेने के लिए पट्टा राशि 50 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर अथवा वास्तविक राशि का 50 प्रतिशत दोनों में से जो कम हो जिसकी अधिकतम राशि सीमा 2 लाख रुपये है, वित्तीय सहायता दी जाती हैं। मछली की थोक बिक्री के लिए दुकान किराए पर लेने के लिए वास्तविक किराए के लिए 50 प्रतिशत दर से जिसकी अधिकतम सीमा 5 हजार रुपये प्रतिमाह लाभार्थी तथा मछली की परचून बिक्री के लिए अधिकतम सीमा 3 हजार रुपये प्रतिमाह लाभार्थी अथवा जो भी कम हो वित्तीय अनुदान दिया जाएगा।
उन्होंने बताया कि मत्स्य पालक को प्रति लाभार्थी 15 हजार रुपये तक का जाल खरीदने पर 50 प्रतिशत अनुदान सहायता राशि प्रदान की जा रही हैं तथा मछलियों की खाद्य-खुराक के लिए 60 प्रतिशत की दर से 90 हजार रुपये प्रति हैक्टेयर अनुदान दिया जाएगा, जिसकी सीमा 1 लाख 80 हजार रुपये है। अनुसूचित जाति के मछली पालकों के लिए 10 दिनों के प्रशिक्षण हेतु 100 रुपये प्रतिदिन प्रशिक्षण भत्ता अधिकतम 100 दिनों तक दिया जाता हैं।उन्होंने बताया कि इस सम्बन्ध मे अधिक जानकारी के लिए जिला मत्स्य कार्यालय से सम्पर्क किया जा सकता हैं।