CWG 2022 : कौन कहता है दिव्यांग बोझ होते हैं और वे कुछ करने में असमर्थ होते है. कौन कहता है कि कुछ करने के लिए कोई उम्र की सीमा होती है. जज्बा और जुनून हो तो इंसान कुछ भी कर सकता है. आज हम बात कर रहे है हरियाणा की एक ऐसी पैरा एथलीट शर्मिला की जिसने जीवन में काफी दुःख दर्द सहा लेकिन हार नहीं मानी और आज वो अपने होंसले और मेहनत के बलबुते कॉमनवेल्थ पैराप्लेजिक गेम्स में शॉटपुट गेम में देश का प्रतिनिधित्व करने जा रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज खिलाड़ियों से वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिये बातचीत की. प्रधानमंत्री ने सभी खिलाड़ियों का हौसला बढ़ाते हुए अच्छे प्रदर्शन करने की शुभकामनाएं दी.
जिन्दगी ने रुलाया लेकिन हार नहीं मानी – शर्मिला
शर्मिला ने प्रधानमंत्री से हुई बातचीत में कहा कि वो महेद्रगढ़ जिले की रहने वाली है और फिलहाल रेवाड़ी में रहती है. बचपन से उसने गरीबी देखी है. कम उम्र में उसकी शादी कर दी गई. पहले पति ने उसपर बहुत अत्याचार किया. बाद में उसने दूसरी शादी की. अब उसके दो बेटियां है वो भी खेलों में आगे बढ़ने के लिए मेहनत कर रही है. शर्मिला ने खुद 34 वर्ष की उम्र में खेलना शुरू किया. पैरा खिलाड़ी एवं कोच टेकचंद से प्रेरित होकर उसने खेलना शुरू किया और कुछ समय में बेहतरीन प्रदर्शन करके नेशनल गेम्स में गोल्ड मैडल भी हाँसिल किये.
हरियाणा रोडवेज में कंडेक्टर बनकर भी शर्मिला ने किया काम
हरियाणा में करीबन 5 साल पहले हरियाणा रोडवेज कर्मचारियों ने हड़ताल की थी. उस समय शर्मिला ने अस्थाई तौर पर रोडवेज में परिचालक का कार्य भी किया था. शर्मिला हरियाणा की पहली महिला परिचालक थी. तब ख़बरों में भी सुखियों में रही थी. लेकिन बाद में सरकार ने उसे हटा दिया था.
आपको बता दें कि यूनाइटेड किंगडम के बर्मिंघम में आयोजित होने वाले राष्ट्रमंडल खेल 2022 का आयोजन 28 जुलाई से 8 अगस्त के बीच किया जाना है. जिसमें दुनिया भर के 54 देश हिस्सा ले रहे है. इस टूर्नामेंट में 19 खेलों में प्रतिस्पर्धा की जायेगी और 11 दिनों के अंदर 286 सेशन आयोजित किये जायेंगे. राष्ट्रमंडल खेलों की ओपनिंग सेरेमनी 28 जुलाई को संपन्न होगी जबकि 8 अगस्त को समापन समारोह का आयोजन किया जायेगा. भारत की ओर से इस साल 215 खिलाड़ियों का दल भेजा जा रहा है जिसमें 108 पुरुष और 107 महिला खिलाड़ी हिस्सा लेती हुई नजर आएगी.