कृषि कानूनों के विरोध में लम्बे समय से आन्दोलन कर रहे किसानों के सामने आखिकार मोदी सरकार को झुकना पड़ा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने माफ़ी मांगते हुए कहा कि वो किसी को दोष नहीं देना चाहते है. उनकी ये बड़ी कमी रही जो किसानों को वो समझा नहीं पाई. प्रधानमंत्री ने शुक्रवार को गुरु नानक जयंती के अवसर पर राष्ट्र के नाम संबोधन में इस आशय की घोषणा की. उन्होंने कहा, ‘पांच दशक के अपने सार्वजनिक जीवन में मैंने किसानों की मुश्किलों, चुनौतियों को बहुत करीब से अनुभव किया है.’ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र को संबोधित करते हुए छोटे किसानों को लाभ पहुंचाने के लिए अपनी सरकार द्वारा उठाए कदमों को रेखांकित किया.
उन्होंने कहा कि कृषि बजट में पांच गुना बढ़ोतरी की गई है, हर साल 1.25 लाख करोड़ रुपए से अधिक राशि खर्च की जा रही है. मोदी ने कहा कि उनकी सरकार तीन नए कृषि कानून के फायदों को किसानों के एक वर्ग को समझाने में नाकाम रही. उन्होंने घोषणा की कि इन तीनों कानूनों को निरस्त किया जाएगा और इसके लिए संसद के आगामी सत्र में विधेयक लाया जाएगा.
Addressing the nation. https://t.co/daWYidw609
— Narendra Modi (@narendramodi) November 19, 2021