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हरियाणा के पंचायती चुनावो के ड्रा पर लगी रोक, इस वर्ग को नही मिलेगा आरक्षण का लाभ

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सीएम मनोहर लाल ने हाईकोर्ट का फैसला आने के बाद स्थिति स्पष्ट करते हुए इस बात की सार्वजनिक घोषणा की थी कि हाईकोर्ट के आदेश को देखते हुए सरकार इस बार पंचायती राज संस्थाओं में भी पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षण निर्धारित नहीं कर पाएगी.

 

लेकिन अब हरियाणा के जिन हिस्सों में ड्रा आयोजित किया जा चुका है, उसे अब होल्ड पर रखने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है. शहरी निकाय चुनाव में पिछड़ा वर्ग (ए) के लिए आरक्षण का कोई प्रावधान नहीं किया गया था और अब इसी तर्ज पर पंचायत चुनाव होंगे. लेकिन इस निर्णय से लोगों की उम्मीद पर पानी फिर गया है.

 

 

पिछड़ा वर्ग (ए) के लिए आरक्षण के तर्क को माना हाईकोर्ट ने

हरियाणा के रेवाड़ी जिले के बावल के रामकिशन ने पिछड़ा वर्ग (ए) के लिए आरक्षण को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी जिसे हाईकोर्ट ने माना था कि जब तक पिछड़ा वर्ग की जनगणना का प्रमाण नहीं हो तब तक आरक्षण देने का कोई आधार नहीं बनता.जिस पर तर्क देते हुए सीएम मनोहर लाल ने कहा था कि प्रमाण देने में एक से दो साल का समय लग जाएगा और इतने लंबे समय चुनाव स्थगित करना बिल्कुल भी सही नहीं होगा. लेकिन राज्य निर्वाचन आयोग से किसी तरह की गाइडलाइंस नहीं पहुंचने के कारण जिला निर्वाचन अधिकारियों ने पिछड़ा वर्ग (ए) के लिए ड्रा निकलवा दिए थे जिससे हर जिले में भ्रम की स्थिति उत्पन्न हो गई थी.

 

मुख्यमंत्री कार्यालय के समक्ष उठाया मुद्दा

अधिकारियों का ड्रा करवाना सीएम की मौखिक घोषणा से एकदम विपरीत था. इसी भ्रम को दूर करने के लिए रेवाड़ी जिले के कुछ लोगों ने इस विषय को मुख्यमंत्री कार्यालय के समक्ष उठाया था. इसके बाद तुरंत प्रभाव से संबंधित जिला विकास एवं पंचायत अधिकारियों के पास राज्य सरकार ने पिछले दिनों किए गए ड्रा के आरक्षण को होल्ड पर रखने व हाईकोर्ट के आदेश के आधार पर नए आदेशों की प्रतीक्षा करने का संदेश पहुंचवा दिया है. वहीं महिलाओं व अनुसूचित जाति के आरक्षण में कोई बदलाव नहीं किया गया है.

 

चुनाव आयोग लेगा फैसला

सीएम मनोहर लाल ने कहा कि पंचायत चुनाव जल्द करवाने को लेकर राज्य चुनाव आयोग को चुनाव कराने के संबंध में सभी औपचारिकताएं पूरी करने के आदेश जारी कर दिए हैं. अब चुनाव करवाने का फैसला चुनाव आयोग को लेना है.