स्क्रैप नीति को लेकर मुख्य सचिव संजीव कौशल ने समीक्षा बैठक की, जिसमें उन्होंने बताया कि ”इस नीति के माध्यम से राज्य में व्यापार को बढ़ावा मिलेगा. इसी कारण इस नीति पर काम किया जा रहा है, ताकि इसे जल्द अंतिम रूप दिया जाए और प्रदेश में सभी आवश्यक व्यवस्था की जाएं.”
बैठक में लिया गया यह निर्णय
गुरुवार को हुई बैठक में वाहनों की फिटनेस परीक्षण के ऊपर भी चर्चा की गई. जिसमें बताया गया कि पंजीकरण अवधि के अंत में वाहनों को फिटनेस परीक्षण से गुजरना पड़ता है. जहां वाणिज्यिक वाहनों को 10 वर्षों के बाद अनिवार्य परीक्षण की आवश्यकता होती है, जबकि यात्री वाहनों के लिए इसे 15 साल निर्धारित किया गया है. इसलिए वाहनों की सुविधा को देखते हुए व्हीकल स्क्रैपिंग नीति को जल्द लागू किया जाएगा.
व्हीकल स्क्रैपिंग नीति लागू करने का क्या है कारण
जानकारी के लिए बता दें कि केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने नूंह जिले के फतेहपुर गांव में नई पंजीकृत वाहन स्क्रैपिंग सुविधा का उद्घाटन किया था. यह देश का पहला ऐसा प्लांट है जिसमें आधुनिक तकनीक का उपयोग कर वाहनों से अधिकतम संख्या में घटकों को उबारने और पुन: उपयोग करने के लिए तैयार किया जाता है. व्हीकल स्क्रैपिंग नीति का मुख्य उद्देश्य प्रदूषण फैलाने और खराब गुणवत्ता वाले वाहनों को चरणबद्ध तरीके से इस्तेमाल से हटाने की व्यवस्था तैयार करना है.