इस मौके पर मुख्य अतिथि ने मास्टर मूलचंद को नमन करते हुए कहा कि वे अपने जमाने के प्रसिद्ध संगीताचार्य व लोक कवि रहे हैं। उन्होंने अपनी कला से क्षेत्र का नाम दूर-दूर तक रोशन किया। उनके बाद उनके पुत्र सांग सम्राट मास्टर नेकीराम, शिष्य नानकचंद तथा पौत्र मास्टर राजेंद्र सिंह ने इनकी सांग परंपरा को आगे बढ़ाया कार्यक्रम अध्यक्ष समाजसेवी रमेश ठेकेदार तथा श्यामसुंदर सभरवाल ने कहा कि जैतड़ावास में जन्में मास्टर मूलचंद ने अपनी लोक रचनाओं से समाज रास्ता दिखाने का काम किया। उनकी सवा सौ वर्ष पुरानी सांग परंपरा आज भी चली आ रही है।
हास्य कवि आलोक भांडोरिया के संचालन में चले इस कार्यक्रम में हलचल हरियाणवी, सत्यदेव हरियाणवी, महेंद्र शर्मा, त्रिलोक फतेहपुरी, दलबीर फूल, संजय पाठक, भूपसिंह भारती, सत्यवीर नाहड़िया, गौतम इलाहाबादी आदि ने अपनी रचनाओं से मास्टर मूलचंद को स्वरांजलि अर्पित की। इस मौके पर सांगी चंद्रभान खुशपुरा, दयानंद व रामौतार ने अपनी टीम के साथ लोक कवि मास्टर मूलचंद की रचनाओं की प्रस्तुति दी। इस दौरान सभी कवियों ने सांग सम्राट मास्टर नेकीराम के नाम पर हरियाणा साहित्य अकादमी पुरस्कार रखने की पुनः मांग दोहराई।
कार्यक्रम में सभी कवियों व विशिष्ट प्रतिभाओं को सम्मानित किया गया। इनमें पिछले दिनों हरियाणा साहित्य अकादमी से पुरस्कृत हुए प्रसिद्ध बाल साहित्यकार घमंडीलाल अग्रवाल, सत्यवीर नाहड़िया तथा सुश्री नंदिनी का भी अभिनंदन किया गया। आरपी मेहरा ने सभी मेहमानों का आभार जताया। इस मौके पर सुंदरलाल भांडोरिया, भूपेंद्र सिंह, शिवलाल, रामनिवास, महेश, सतबीर, दशरथ चौहान, आरएस सांभरिया, दलीप शास्त्री, प्रदीप राव, मंदीप यादव, कैलाशचंद, किशनलाल सहित आल हरियाणा एससी एम्पलाइज फेडरेशन, माता रमाबाई सामाजिक उत्थान संस्था, सेवा स्तंभ, हजरस, हिंदी सेवा समिति, हरियाणा प्रदेश अजा महासभा, अखिल भारतीय मानव कष्ट निवारण समिति आदि संगठनों के अनेक प्रतिनिधि मौजूद रहे।