हरियाणा के झज्जर के बाढ़सा स्थित एम्स-2 के 10 मंजूरशुदा राष्ट्रिय संस्थानों और मनेठी एम्स के निर्माण में देरी को लेकर सांसद दीपेन्द्र हुड्डा ने आज राज्यसभा में आवाज उठाई. उन्होंने पूछा कि एम्स-2 बाढ़सा परिसर में हज़ारों करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले संस्थानों में 710 बेड वाले राष्ट्रीय कैंसर संस्थान के अलावा 10 संस्थान और बनाये जाने थे वो अबतक क्यों नहीं बनवाएं गए. जिसके लिखित जवाब में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री डॉ भारती प्रवीण पवार ने कहा कि झज्जर में राष्ट्रीय कैंसर संस्थान के अलावा कोई और प्रस्ताव नहीं है,
दीपेन्द्र हुड्डा ने मंत्री के दिए गए जवाब के बाद बीजेपी सरकार पर निशाना साधा है… उन्होंने कहा कि महम इंटरनेशनल एयरपोर्ट और सोनीपत रेल कोच फैक्टी की तरह इन संस्थानों को भी बीजेपी सरकार कहीं और उठा ले गई है। उन्होंने हरियाणा सरकार से नाराजगी जताते हुए कहा कि ये इतनी कमजोर सरकार है कि यूपीए सरकार के समय उनके द्वारा मंजूर कराए गए हरियाणा से सारे महत्त्वपूर्ण संस्थान एक के बाद एक जाते जा रहे है.
वहीँ रेवाड़ी के मनेठी एम्स के निर्माण में देरी की सवाल पर राज्यमंत्री डॉ भारती प्रवीण पवार ने जवाब में कहा कि फारेस्ट एडवायजरी कमेटी की आपत्ति की वजह से कुछ अड़चन पहले आई थी. लेकिन अब राज्य सरकार ने जमीन चिन्हित कर ली है. और इस सबंध में बातचीत चल रही है. जिस जवाब पर दीपेन्द्र हुड्डा ने बयान जारी करते हुए कहा है कि मनेठी एम्स अभी केवल कागजों पर ही है और हरियाणा सरकार के ओर से केंद्र को अबतक जमीन भी नहीं दी गई। जबकि वर्ष 2015 में मनेठी (रेवाड़ी) एम्स की घोषणा की गई थी, जिसे 28 फ़रवरी, 2019 को केंद्रीय मंत्रिमंडल से मंजूरी दी गई थी।
यहाँ आपको बता दें कि अब मनेठी के पास माजरा गाँव में जमीन को चिन्हित कर लिया गया है. पिछले कई दिनों से जमीन को ट्रांसफर करने की बात चल रही है.
एम्स-2 बाढ़सा परिसर में हज़ारों करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले संस्थानों में 710 बेड वाले राष्ट्रीय कैंसर संस्थान के अलावा –
1. नेशनल कार्डियोवैस्कुलर सेंटर – 600 बेड
2. नेशनल सेंटर फॉर चाइल्ड हेल्थ – 500 बेड
3. नेशनल ट्रांस्प्लांटेशन सेंटर – 500 बेड
4. जनरल पर्पस हॉस्पिटल – 500 बेड
5. डाइजेस्टिव डिजीज सेंटर – 500 बेड
6. नेशनल इंस्टिट्यूट फॉर जिरियाटिक्स – 200 बेड
7. सेंटर फार ब्लड डिसार्डर – 120 बेड
8. कॉम्प्रिहेंसिव रिहेबिलिटेशन सेंटर
9. सेंटर फॉर लेबोरेटरी मेडिसिन
10. नेशनल सेंटर फॉर नर्सिंग एजुकेशन एंड रिसर्च
दीपेन्द्र हुड्डा ने एम्स-2 परियोजना के बारे में विस्तार से बताते हुए कहा कि उन्होंने काफी प्रयासों के बाद इस बड़े प्रोजेक्ट को हरियाणा के खाते में जुड़वाया था। प्रदेश का बच्चा-बच्चा जानता है कि दिल्ली वाले एम्स से भी बड़े एम्स-2 को 300 एकड़ में बनाने की परिकल्पना की गयी तो सबसे पहले फरवरी 2009 में तत्कालीन केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. अंबुमणि रामदौस जी ने एम्स-2 को बाढ़सा में बनाने की सहमति दी। 2012 में तत्कालीन केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री गुलाम नबी आजाद जी ने एम्स-2 ओपीडी के उद्घाटन के साथ ही घोषणा की कि यहां एशिया ही नहीं, पूरे विश्व का सबसे बड़ा स्वास्थ्य परिसर बनेगा। उन्होंने आगे कहा कि जब कैंसर संस्थान की योजना धरातल पर आयी तो उस समय बहुत से मंत्री, राज्यों के मुख्यमंत्री इसे अपने राज्य में ले जाना चाहते थे, मगर अथक प्रयासों से जुलाई 2013 में योजना आयोग से राष्ट्रीय कैंसर संस्थान को मंजूरी मिली। 26 दिसम्बर, 2013 को भारत सरकार की कैबिनेट ने 2035 करोड़ रुपया मंजूर करके परियोजना को मंजूरी दी। इसके बाद रिकार्ड एक हफ्ते के अंदर 3 जनवरी 2014 को प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह जी ने इसका शिलान्यास करके इसके काम की शुरुआत की।