
1 अप्रैल 2022 से कई बड़े बदलाव होने जा रहे हैं. इसमें बैंक नियम, टैक्स, जीएसटी, पीएफ व म्यूचुअल फंड में निवेश के नियम शामिल हैं. हम आपको इन्हीं कुछ बड़े बदलावों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसका आप पर सीधा असर होगा.
पीएफ पर टैक्स
केंद्र सरकार 1 अप्रैल से नए आयकर कानून लागू करेगी. इसके तहत मौजूदा पीएफ खातों को दो भागों में बांटा जाएगा और इन पर टैक्स भी लगेगा। गौरतलब है कि ईपीएफ खाते में 2.5 लाख रुपये तक का योगदान टैक्स फ्री होगा लेकिन इससे ऊपर जाते ही ब्याज से होने वाली आय पर टैक्स भरना होगा. वहीं, सरकारी कर्मचारियों के जीपीएफ टैक्स फ्री योगदान की वार्षिक सीमा 5 लाख रुपये है.
डाकघर
नए वित्त वर्ष से पोस्ट ऑफिस मंथली इनकम स्कीम, सीनियर सिटीजन्स सेविंग्स स्कीम और टर्म डिपॉजिट अकाउंट्स पर ब्याज का पैसा सेविंग खाते में ही मिलेगा। यानी आप पोस्ट ऑफिस जाकर ब्याज का पैसा नकद नहीं ले पाएंगे. आपके सेविंग खाते में ब्याज का पैसा ऑनलाइन ट्रांसफर हो जाएगा. गौरतलब है कि सरकार ने एमआईएस, एससीएसएस, टाइम डिपॉजिट खातों में ब्याज जमा करने के लिए बचत खाते का उपयोग अनिवार्य कर दिया है।
म्यूचुअल फंड
1 तारीख से म्यूचुअल फंड में निवेश के लिए आप केवल यूपीआई अथवा नेटबैंकिंग की मदद ले पाएंगे. सरकार ने चेक, बैंक ड्राफ्ट या अन्य किसी भौतिक माध्यम से फंड में निवेश की सुविधा पर रोक लगा दी है. म्यूचुअल फंड ट्रांजेक्शन एग्रीगेशन पोर्टल एमएफ यूटिलिटीज (एमएफयू) 31 मार्च से चेक-डीडी आदि के जरिये भुगतान की सुविधा बंद कर देगा.
एक्सिस व पंजाब नेशनल बैंक के नियमों में बदलाव
1 अप्रैल से एक्सिस बैंक ने बचत खाते में मिनिमम बैलेंस की सीमा 10,000 से बढ़ाकर 12,000 रुपये कर दी है। इसके अलावा बैंक ने फ्री कैश ट्रांजैक्शन की निर्धारित सीमा को भी बदलकर 4 फ्री ट्रांजैक्शन या 1.5 लाख रुपये कर दिया है. वहीं, 4 अप्रैल से पंजाब नेशनल बैंक पॉज़िटिव पे सिस्टिम लागू करने जा रहा है. इसके 10 लाख व उससे अधिक के चेक के लिए वेरिफिकेशन अनिवार्य कर दिया गया है. यह नियम लागू होने के बाद अगर चेक का कंफर्मेशन नहीं होता तो सही होने के बावजूद चेक वापस हो सकता है.