Home रेवाड़ी सड़क पर भ्रष्टाचार जानलेवा, लापरवाह अधिकारी पर कार्रवाई कब होगी !

सड़क पर भ्रष्टाचार जानलेवा, लापरवाह अधिकारी पर कार्रवाई कब होगी !

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रेवाड़ी जिले से जुड़े कुछ हम आपको उदाहरण बताएंगे जहां हाइवे पर या शहर के भीतर की सड़क पर खराब सड़क होने के कारण हादसा हुआ। जिस हादसे में प्रशासन की लापरवाही का खामियाजा लोगों को अपनी जान देकर चुकाना पड़ा।

रेवाड़ी पुलिस अधीक्षक ने भी माना है कि वर्ष 2021 के मुकाबले वर्ष 2022 में सड़क हादसों की संख्या बढ़ी है। जिन हादसों की बड़ी वजह हाइवे पर चले रहे निर्माण के कार्य, गलत लेन में ड्राइव करना और वाहनों को ज्यादा तेज गति से चलाना है।  रेवाड़ी एसपी ने कहा कि सड़क पर नियमों का पालन कराने के लिए वर्ष 2023 में ज्यादा ट्रैफिक चालान किये जायेंगे। लेकिन सवाल ये कि जहां सरकारी विभागों की लापरवाही होती है और उस लापरवाही से लोगों की जान जाती है उन सबंधित विभागों के अधिकारियों पर कार्रवाई कब होगी।

रेवाड़ी जिले से निकलने वाले दिल्ली जयपुर हाइवे, रेवाड़ी रोहतक हाइवे और रेवाड़ी नारनौल हाइवे पर अवैध कट, खराब सड़क और सांकेतिक चिन्ह सहित कई ऐसी वजह है जिसके कारण हादसे हो रहे है। रेवाड़ी-नारनौल हाइवे पर तो कई जगह हाइवे के अधूरे काम के कारण हादसे हो रहे है। जिला प्रशासन द्वारा सड़क सुरक्षा को लेकर बैठक की जाती है। बैठक में हादसे रोकने के लिए मंथन किये जाते है। लेकिन ग्राउंड पर काम होता नजर नहीं आता है। वर्ष 2022 में भी काफी सड़क हादसे हुए, जिनमें लोग घायल हुए और कई लोगों की जान चली गई। लेकिन उनमें से कई हादसों में लापरवाही सीधी सबंधित विभाग के अधिकारियों की थी। जैसे दिल्ली-जयपुर हाइवे पर जयसिंहपुर खेड़ा के पास सड़क खराब होने के कारण बाइक फिसल गई, जिसके कारण बाइक सवार की मौत हो गई थी।

इसी तरह से दिल्ली जयपुर हाइवे पर धारूहेड़ा में हाइवे की सर्विस लाइन पर पानी होने के कारण बाइक सवार को गड्ढा नजर नहीं आया। गड्ढे में बाइक सवार गिरने से किसी दूसरे वाहन से बाइक सवार की मौत हो गई थी।  इसी तरह से रेवाड़ी-धारूहेड़ा रोड़ पर पुलिस लाइन के पास फ्लाईओवर के नीचे सड़क का हिस्सा टूटा होने के कारण पता नहीं कितने यहां सड़क हादसे हुए। हालांकि लोगों के काफी नुकसान के बाद अब ये सड़क का हिस्सा बना दिया गया है।

इसके अलावा बावल रोड़ स्थित महाराणा प्रताप चौक के पास खराब सड़क और सड़क पर पानी होने के कारण बाइक सवार एक ट्रोले के नीचे आ गया था। शहर के अभय सिंह चौक पर अभी भी गड्ढे है, यहां पर भी कई लोगों की जान जा चुकी है। इन सभी मामलों को देखकर आप समझ सकते है कि हादसों की बड़ी वजह अधिकारियों की लापरवाही भी होती है। इसलिए इनके खिलाफ भी केस दर्ज करके कार्रवाई करनी चाहिए ।

ये मामला बड़ा और संवेदनशील है इसलिए वर्ष 2022 में केरल हाई कोर्ट ने एक आदेश भी दिया था. जिसमें ख़राब सड़क होने के कारण होने वाले हादसों की पूरी जिम्मेदारी अधिकारियों की तय की गई थी. केरल हाईकोर्ट ने कहा था कि गड्ढों की वजह से होने वाली हर सड़क दुर्घटना के लिए जिला कलेक्टर यानी (डीएम) जिम्मेदार होंगे। जस्टिस देवन रामचंद्रन ने एक मामले की सुनवाई के दौरान कहा था कि ऐसे हादसों को रोकने में भारत सरकार और खासतौर पर सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की विशेष भूमिका है। कोई राष्ट्रीय राजमार्ग पर हादसे में घायल होता है या मारा जाता है, तो इसे सांविधानिक अत्याचार माना जाना चाहिए। कोर्ट ने इस संबंध में केंद्र सरकार को अपना रुख बताने का भी निर्देश दिए थे ।

यहाँ कोर्ट की तरफ से ये भी कहा गया था कि ज्यादातर मामलों में खराब सड़कों की प्रमुख वजह भ्रष्टाचार या लापरवाही है। इसलिए भ्रष्ट कोई है, मरेगा कोई। वो ऐसा नहीं होने दे सकते। कोर्ट को ये इसलिए कहना पड़ा कि शासन –प्रशासन अपना काम ठीक से नहीं कर रहे है. आपको बता दें कि जब हम वाहन खरीदते है तो 28 फीसदी GST,  उसके ऊपर रोड टैक्स, फिर सड़क पर चलते है तो टोल टैक्स चुकाते है..यानी वाहन की कुल कीमत का एक बड़ा हिस्सा हम टैक्स के रूप में सरकार को चुकाते है। इस लूट के विरोध में नागरिक बोलते है तो कहा जाता है की सेवा चाहिए तो टैक्स तो देना होगा। लेकिन इतने पैसे लेने के बाद सेवा ना देने पर क्या कार्रवाई बनती है ये भी सरकार को बतानी चाहिए।