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मंत्री – अधिकारी मस्त, जनता त्रस्त , कब बदलेगा खस्ता सिस्टम का हाल !

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मंत्री – अधिकारी मस्त, जनता त्रस्त , कब बदलेगा खस्ता सिस्टम का हाल !

मंत्री – अधिकारी मस्त जनता त्रस्त , कब बदलेगा खस्ता सिस्टम का हाल !

रेवाड़ी अपडेट: अब तक रही सरकारें व्यवस्था परिवर्तन और सिस्टम को सुधराने का वायदा करते हुए सत्ता में आई है , लेकिन आजतक खस्ता सिस्टम का हाल नहीं बदला है. और इस सिस्टम की सबसे बड़ी खामी तो ये है कि विभागों की तालमेल कि कमी के कारण जनता को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है . और इसी खामी के कारण जनता के पैसों को शासन – प्रशासन जी खोलकर बर्बाद भी कर रहा है.

अलग –अलग मामलों में ये मुद्दे भी उठाये जाते है , लेकिन जवाब सिर्फ इतना मिलता है, कर रहे है , करेंगे या कोई दोषी होगा तो कार्रवाई करेंगे , लेकिन होता क्या वो जग जाहिर है. चाहे स्ट्रीट लाइट्स की बात हो , ट्रेफिक लाइट्स की बात हो , सीसीटीवी कैमरों की बात हो या फिr सडकों की बात हो. जहाँ कहीं विभाग की तालमेल की वजह से तो कहीं विभागों कि अनदेखी के कारण जनता के पैसे को बर्बाद किया जा रहा है.

मंत्री – अधिकारी मस्त, जनता त्रस्त , कब बदलेगा खस्ता सिस्टम का हाल !

उदाहराण के तौर पर आप ये समझिये कि रेवाड़ी झज्जर चौक से लेकर गाँव गंगायचा तक सड़क काफी वर्षों से टूटी हुई थी , लम्बे संघर्ष के बाद सड़क बनाई गई , लेकिन जैसे ही सड़क बनकर तैयार हुई . वैसे ही बिजली निगम कार्यालय के सामने से सड़क को नाले की पाइप लाइन डलाने के लिए उखाड़ दी गई. और अब 3 दिनों से नाले में मट्टी भरकर छोड़ दिया गया है . शनिवार  सुबह यहाँ एक कैंटर का एक्सीडेंट भी हो गया था. यहाँ अगर विभागों में तालमेल होता तो सड़क बनाते वक्त ही ये पाइप लाइन डाली जा सकती थी , लेकिन ऐसा नहीं हुआ और नई बनाई गई सड़क को तोड़कर नाले के लिए पाइप लाइन डाली गई है.  यहाँ इस सड़क के हिस्से को पहले की तरह दुरुस्त करने में कितना समय लगेगा ये तो नही पता. लेकिन अधिकाँश जगहों पर हमने देखा है कि सड़क को पाइप लाइन डालने के लिए खुदवाया जाता है और फिर ऐसे ही छोड़ दिया जाता है. जो जनता के लिए परेशानियों का सबब बन जाता है.  

इसी तरह से धारूहेड़ा चूँगी और झज्जर चौक के बीच का हाल देखिये. जहाँ सर्कुलर रोड़ पर एलपीजी गैस के लिए पाइप लाइन बिछाई गई है. जिस कम्पनी को ठेका दिया गया है. उसने जगह –जगह सड़क गड्ढे खोदकर पाइप लाइन डाली है. लेकिन करीबन  दस दिनों से गड्ढो में मट्टी डालकर छोड़ गया है. यहाँ समस्या ओर ज्यादा इस लिए बढ़ गई है. क्योंकि बारिश का मौसम है और इन गड्ढो में मट्टी के बैठने से पानी में गड्ढे नजर नहीं आयेंगे और हादसा होने का ख़तरा बढ़ जायेगा, जो सीधे सीधे प्रशासन कि लापरवाही है.

मंत्री – अधिकारी मस्त, जनता त्रस्त , कब बदलेगा खस्ता सिस्टम का हाल !

अधिकारी जनता के पैसे को बर्बाद कर रहे है ..वो हम इसलिए कह रहे है क्योंकि कांग्रेस सरकार में ट्रेफिक लाइट्स लगाईं गई थी वो लगी तब से ही बंद रही , जिसके बाद बीजेपी सरकार ने भी शहर के मुख्य चौक चौराहों पर ट्रेफिक लाइट्स लगाई थी , जो कुछ दिन चालू होने के बाद से ही बंद पड़ी है , यानी जनता के पैसे को यहाँ बर्बाद कर दिया गया . इसी तरह से चार साल पहले सांसद निधि कोष से शहर में सीसीटीवी लगाए गए थे , वो कैमरें भी कुछ समय चालू होने के बाद से  बंद पड़े रहे , अब पुलिस नए हाई क्वालटी के कैमरे शहर में लगवा रही है.

और इसी तरह से स्ट्रीट लाइट्स का हाल है , जहाँ गढ़ी –बोलनी रोड़ , दिल्ली रोड़ , भाडावास रोड़ पर लगाईं गई स्ट्रीट लाइट्स की मेंटिनेंस कि जिम्मेवारी कौन ले और कौन बिल भरेगा ..इस तालमेल कि वजह से लाखों रूपए खर्चने के बावजूद इन सडकों पर अँधेरा पसरा रहता है . इसके आलावा जहाँ लाइट्स चालू भी है. वहां भी कभी कबार लाइट्स जलती होगी, 

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यहाँ आपको बता दें कि पिछले दिनों हमने आपको दिखाया था कि कापड़ीवास से भिवाडी  जाने  वाले सड़क पर स्ट्रीट लाइट्स काफी समय से बंद पड़ी है , रोहडाई जाटूसाना रोड़ पर रोह्ड़ाई गाँव में दो साल पहले लाईट लगी थी वो भी तब से बंद पड़ी है . इसी तरह से बिजली निगम के कार्यालय के सामने के रोड़ से गोकलगढ़ गाँव तक की स्ट्रीट लाइट्स 15 वर्षों में एक दो बार ही जली होगी और गोकलगढ़ गाँव से बाईपास होते हुए अभय सिंह चौक तक की लाइट्स भी अधिकाँश बंद रही है. इसके आलावा सड़क की बात करें तो लगता है कि सुनने वाला कोई है ही नहीं . दिल्ली रोड़ पुलिस लाइन के पास फ़्लाइओवेर के नीचे की ये तस्वीरें शनिवार सुबह की है..जिस समस्या के समाधान के लिए अख़बार बार –बार इस खबर को छाप चुके , केन्द्रीय मंत्री तक अधिकारीयों को समाधान करने निर्देश दे चुके , लेकिन हालात क्या है वो आपके सामने है. ऐसे में ये कहना गलत नहीं होगा कि मंत्री अधिकारी मस्त है और जनता त्रस्त है . ऐसे में अब क्या करें |