पर्यावरण दिवस पर दिलाई शपथ , पौधे ,पानी और पक्षियों के संरक्षण के लिए काम करेंगे |
सामाज कार्य विभाग, इंदिरा गांधी विश्वविद्यालय, मीरपुर ने विश्व पर्यावरण दिवस को चिह्नित करने के लिए पारिस्थितिकी तंत्र बहाली ” इकोसिस्टम रेस्टोरेशन “के विषय के तहत ऑनलाइन हस्ताक्षर अभियान चलाया और साथ ही अनेक गांव और समुदाय मे पौधा रोपण, और पक्षियों के खाने और पानी के लिए बर्ड फीडर ( मिट्टी के बरतन) लगाए गए। यह कार्यक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एस.के.गक्खड़ के नेतृत्व, कुलसचिव प्रोफेसर ममता कामरा सहित विभाग अध्यक्ष डॉ. सोनू मदान के मार्गदर्शन पर चलाया जा रहा है। कार्यक्रम का उद्देश्य पर्यावरण और प्रकृति के बारे में जागरूकता पैदा करना है और लोगों को प्रकृति का महत्व याद दिलाएं और इसके मूल्य के लिए सम्मान किया जाना चाहिए।
यह कार्यक्रम को आयोजन विश्वविद्यालय के समाज कार्य विभाग की सहायक प्रोफ़ेसर डॉ. गीतिका मलहोत्रा ने अग्रणी नेतृत्व मे किया। उन्होंने कहा की कोरोनावायरस के प्रकोप और लोगों के घर के अंदर सीमित होने के कारण, पर्यावरण और धरती माता को थोड़ा फायदा हुआ है। मानवीय गतिविधियों के अभाव में कोरोनावायरस से प्रेरित लॉकडाउन, प्रकृति के पास खुद को शुद्ध करने और अपने स्थान को पुनः प्राप्त करने का समय है। इस उद्देश्य के लिए, सामाज कार्य विभाग पर्यावरण के संरक्षण, सुरक्षा और पुनर्स्थापना की प्रतिज्ञा के रूप में ऑनलाइन हस्ताक्षर अभियान चलाया और साथ ही अनेक गांव और समुदाय मे पौधा रोपण, और पक्षियों के खाने और पानी के लिए बर्ड फीडर ( मिट्टी के बरतन) लगाए गए। यह ऑनलाइन हस्ताक्षर अभियान के माध्यम से लोगो को शपथ दिलाई गई। जिसमे 82 ने शपथ, 268 व्यूज और 103 शेयर किया ।
- अत: मैं शपथ लेता/ लेती हूं कि:
- 1. मैं अपने जीवनकाल में कम से कम 10 पौधे लगाने का संकल्प लेता हूं।
- 2. मैं अपने दैनिक जीवन में स्वच्छ और पीने का पानी बर्बाद नहीं करूंगा और इसे भविष्य के लिए संरक्षित रखूंगा
- 3. मैं अपने जीवनकाल में सादा जीवन और उच्च विचार के विचार को बढ़ावा दूंगा।
- 4. पक्षियों को भोजन और पानी की आपूर्ति के लिए मैं बर्ड फीडर लगाऊंगा।
- 5. मैं जीवन भर अन्न को व्यर्थ नहीं जाने दूंगा।
- 6. मैं प्रतिज्ञा करता हूं कि मैं फास्ट फूड की तुलना में स्वदेशी भोजन का सेवन करना पसंद करूंगा।
- 7. मैं वचन देता हूं कि मैं संसाधनों का प्रभावी ढंग से उपयोग करता हूं और अपशिष्ट और प्रदूषण को कम करता हूं।
- 8. मैं प्रतिज्ञा करता हूं कि मैं नवीकरणीय संसाधनों का नवीकरण के लिए उनकी क्षमता के भीतर उपयोग करूंगा।
यह कार्यक्रम में डॉ. स्वाति और डॉ. अर्पण , सहायक प्रोफ़ेसर, समाज कार्य विभाग ने भी सहयोग दिया।
समाज कार्य विभाग के द्वितीय वर्ष के छात्र नवीन, योगेश, पारुल, खुशबू, तेजेन्द्र, जय, प्रदीप, अजय, और प्रथम वर्ष के छात्र राहुल, पल्लवी, अरुण, अनूप, दीपक, संजीव, सुदेश, प्रियंका, अजीत, नेहा, नरदेव, अंकित, सपना विद्यार्थियों ने बहुत ही बखूबी से भाग लिया और समुदाय के लोगो को आपने जस्बे से प्रेरित किया।