रेवाड़ी के स्कूलों में बड़ी संख्या में कोरोना पॉजिटिव केस मिलने के बावजूद प्राइवेट स्कूल संचालक मनमानी कर रहे है और सरकार की गाइडलान को ठेंगा दिखाकर उन छात्रों को भी स्कूल में बुलाकर कक्षाएं लगा रहें है. जिनकी कक्षाओं पर प्रतिबन्ध लगाया हुआ है. जिन कक्षाओं के छात्रों को अनुमति दी गई थी वहां भी नियमों को अनदेखा किया जा रहा है. जो सीधे सीधे छात्रों की जिन्दगी के साथ खिलवाड़ है .
हैरान करने वाली बात ये है की रेवाड़ी प्रशासन ये कह रहा है की सभी नियमों का पालन कर रहें है ..हालाँकि अब शिक्षा विभाग की तरह से जारी किये गए आदेशों में 30 नवम्बर तक स्कूलों को बंद करने का फैसला लिया गया है. लेकिन सवाल ये की आखिर क्यों प्राइवेट स्कूलों पर सरकार एक्शन नहीं लेती ..आखिर क्यों अधिकारीयों जानबूझ आँखें बंद करके बैठा हुआ है .
देश में आये दिन कोरोना पॉजिटिव मरीज बड़ी संख्या में सामने आ रहे है ..रेवाड़ी जिले में भी अबतक तक एक लाख सैम्पल्स की रिपोर्ट में 9528 पॉजिटिव केस आ चुके है .. जिनमें से 531 एक्टिव केस है ..जबकि 50 मरीजों की जिले में अबतक कोरोना वायरस से मौत हो चुकी है. लेकिन प्राइवेट स्कूल संचालकों को शायद ना कोरोना संक्रमण का डर है , न सरकार के निर्देशों के उलंघन का डर है और ना ही ही बच्चों के स्वास्थ्य का……अगर डर होता तो प्राइवेट स्कूल इस तरह से मनमानी ना करते.
रेवाड़ी के विभिन्न स्कूलों जो तस्वीरें सामने आई है ..वो बेहद हैरान करने वाली है . यहाँ स्कूल बस में दो गज की दूरी का पालन किया गया .मास्क भी कुछ बच्चों ने ही लगाया हुआ …और बस में स्टाफ और बच्चें अधिकांश बिना मास्क के ही बैठे हुए मिले. निजी स्कूलों की लापरवाही केवल यहीं नहीं है की वो कोरोना के बचाव के लिए गाइडलाइन का पालन नहीं कर रहे है …बल्कि उन छोटी कक्षाओं के छात्रों को भी स्कूल में बुला रहे है. जिनके लिए कोरोना का खतरा ज्यादा बताया गया है.
यहाँ आपको बता दें की हाल में ही नियम –शर्तों पर नोवीं से बारहवीं तक कक्षाएं लगाने के लिए सरकार ने अनुमति दी थी लेकिन यहाँ तो आठवीं से से कम कक्षाओं के छात्रों को स्कूल में बुलाकर सरकार के आदेशों को ठेंगा दिखाया जा रहा है . रेवाड़ी जिलाधीश यशेंद्र सिंह से इस बारे में जब पूछा गया तो उन्होंने कहा की उन्हें शिकायत मिलती है तो वो कार्रवाई करेंगे ..और साथ ही उन्होंने ये भी कह दिया की सभी सरकार की गाइडलाइन का पालन कर रहें है.