Holi 2023: इस साल होली को लेकर सभी के मन मे असमंजस बना हुआ है कि होली कब है 6 मार्च या फिर 7 मार्च को। आइये जानते है होली कब मनाई जाएगी
होली कब है (When is Holi)
6 मार्च की शाम को 4 बजकर 18 मिनट से पूर्णिमा शुरू हो जाएगी, जो कि 7 मार्च सांयकाल 6 बजकर 10 मिनट तक रहने वाली है। इसी दिन प्रदोषकाल भी है। अब चूंकि 6 मार्च को आधी रात के बाद तक भद्रा पक्ष है तो इसी दिन गोधुली वेला में प्रदोष काल के दौरान होलिका दहन होगा।
रेवाड़ी डीसी ने Holi पर जिलावासियों को दिया संदेश
डीसी ने जिलावासियों के नाम अपने संदेश में कहा हैं कि होली पर्व बसंत ऋतु में मनाया जाता है और यह पर्व हमे आहार-विहार संबंधी जीवन शैली अपनाने के लिए प्रेरित करता है। उन्होंने कहा कि बसंत ही एक ऐसी ऋतु है जिसे आयुर्वेद में उमंग व मन को प्रसन्न करने की संज्ञा दी गई है। इस दौरान पेड़ों में जहां नहीं कोंपले खिलती हैं वहीं जीवन में भी रंगों का समावेश सामाजिक सद्भाव के साथ होता है और नई उमंग व नए रंगों के साथ जीवन में सकारात्मक ढंग से आगे बढ़ने का संदेश होली पर्व देता है।
पानी की बजाए सूखी Holi खेलने का किया आह्वान
डीसी ने कहा कि आमजन पानी का महत्व समझते हुए इसका बचाव करें और रंगोत्सव के पर्व पर पानी को व्यर्थ न बहाएं। उन्होंने कहा कि होली पर युवाओं में हुड़दंगबाजी का क्रेज रहता है, उन्हें इससे बचना चाहिए। उन्होंने आमजन से पानी की बजाए सूखी होली खेलने का आह्वान किया।
Holi खेलते वक्त हर्बल गुलाल का करें प्रयोग
उन्होंने कहा कि होली व रंगोत्सव पर्व पर स्वास्थ्य सुरक्षा का ध्यान रखना भी बेहद जरूरी है। ऐसे में अभिभावक यह ध्यान रखें कि बच्चे गुणवत्ता वाले हर्बल गुलाल (Herbal Gulal) का प्रयोग करें, रंग खेलने से पहले शरीर पर क्रीम अथवा नारियल तेल लगाएं तथा शरीर को ढक कर रखें।
Holi के रंगो को कैसे साफ करें
उन्होंने कहा कि होली खेलने उपरांत रंगों को साफ करने के लिए किसी भी प्रकार के रसायन का प्रयोग न करें और किसी भी तरह की एलर्जी अथवा जलन हो तो तुरंत चिकित्सक की सलाह लें। उन्होंने जिलावासियों को रंगों के इन पावन पर्व को हर्षोल्लास के साथ मनाते हुए खुशहाल जीवन में सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ कदम बढ़ाने के लिए प्रेरित किया।