डीसी अशोक कुमार गर्ग ने शनिवार को लघु सचिवालय स्थित सभागार में आयोजित बैठक में ई-गिरदावरी, जमाबंदी की नकल, रजिस्ट्रेशन, सेवन-ए, संयुक्त खेवट सहित अन्य बिंदुओं की समीक्षा करते हुए राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए। बैठक में जिलाभर के राजस्व पटवारी उपस्थित रहे।
बैठक में डीसी अशोक कुमार गर्ग ने कहा कि राजस्व विभाग से जुड़े कार्यों को ऑनलाइन प्रणाली से जोड़ा गया है और जमीन से संबंधित सारा रिकार्ड पूर्णतया कंप्यूटरीकृत किया जा चुका है। ऐसे में आमजन के कार्यों को सरलता के साथ निपटान सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि तहसील संबंधी कार्यों को लेकर नियमित रूप से आने वाले नागरिकों को बिना विलंब के सेवाओं का लाभ दिया जाए। अगर किसी प्रकार की कोई समस्या है तो उसे संबंधित एसडीएम, डीआरओ के साथ ही मेरे संज्ञान में लाया जाए ताकि समस्या का समय पर समाधान कराया जा सके।
आंकड़ों के आधार पर ही किसान के संबंध में बनती है नीति
डीसी गर्ग ने ई-गिरदावरी की समीक्षा करते हुए कहा कि गिरदावरी का कार्य महत्वपूर्ण कार्य है, इस कार्य में किसी प्रकार की लापरवाही न हो। गिरदावरी के माध्यम से लिए गए आंकड़ों के आधार पर ही किसान के संबंध में नीति बनती है। उन्होंने कहा कि राजस्व विभाग प्रत्येक फसल चक्र की गिरदावरी रिपोर्ट तैयार कर रिपोर्ट भेजता है। गिरदावरी रिपोर्ट में सही आंकड़े आएं इसके लिए ई-गिरदावरी प्रणाली अपनाई जा रही है।
डेटा पोर्टल पर किया जा रहा अपलोड
डीसी ने कहा कि संबंधित एसडीएम, डीआरओ, तहसीलदार व नायब तहसीलदार द्वारा गांवों की वेरिफिकेशन की जा रही है और सही वास्तविक डेटा पोर्टल पर अपलोड किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि बाजरे की फसल की खरीद प्रक्रिया पूरी तरह से सही ढंग से हो इसके लिए वेरिफिकेशन का कार्य प्रभावी ढंग से किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि राजस्व अधिकारियों के साथ ही पटवारियों के साथ बैठक करने का मुख्य उद्देश्य यही है कि जिला के सभी गांवों की जमीन संबंधी कार्यों की वास्तविक स्थिति का पता लग सके। उन्होंने तहसीलदारों से संबंधित तहसीलों में नियंत्रित क्षेत्रों से जुड़ी विस्तृत जानकारी प्राप्त की। उन्होंने अधिकारियों से जमाबंदी, रजिस्ट्रेशन सहित अन्य कार्यों को निर्धारित समय अवधि में पूरा कराने के निर्देश दिए।