जयपुर और चंडीगढ़ सिक्स-लेन हाईवे के खुल जाने से हरियाणा के दक्षिणी हिस्सों जैसे कि महेंद्रगढ़, जिंद और नारनौल से चंडीगढ़ जाने में दो-तीन घंटे ही लगेंगे. दिल्ली और एनसीआर से होकर गुजरने वाले भारी वाहनों से भी काफी हद तक राहत मिलेगी, जिससे राष्ट्रीय राजधानी में प्रदूषण के स्तर पर भी फर्क पड़ेगा। जयपुर से चंडीगढ़ की ओर आने वाले ट्रैफिक में भी कमी आएगी। बताया जा रहा है कि इस उपयोग एनसीआर के लिए बाईपास के तौर पर होगा.इसके खुलने से चंडीगढ़ से जयपुर और मुंबई के लिए आने वाले ट्रैफिक भी गिरावट आएगी.
5108 करोड़ रुपये लगे हाइवे के निर्माण में
रिपोर्ट के मुताबिक, केंद्र सरकार ने इस हाईवे के निर्माण के लिए 5108 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया गया था.इसकी चौड़ाई 70 मीटर तय की गई है. हाईवे में 122 ब्रिज और अंडरपास बनाए गए हैं. जानना दिलचस्प है कि इस हाईवे को किसी भी शहर या गांव के बीच से नहीं निकाला गया है, न ही इसके बनाते समय यातायात प्रभावित हुआ.शहरों और गांवों को बाइपास के तौर पर इस्तेमाल किया गया है.
अंबाला-कोटपुतली इकोनॉमिक कॉरिडोर का हिस्सा
सीनियर अधिकारी ने इसके बारे में जानकारी देते हुए बताया की, “यह ग्रीनफिल्ड लिंक अंबाला-कोटपुतली इकोनॉमिक कॉरिडोर का हिस्सा है. इसके खुलने के बाद जयपुर और चंडीगढ़ की बीच की दूरी 50 किलोमीटर तक कम हो जाएगी. इससे इन इलाकों में रहने वाले लोगों के लिए यात्रा बहुत ही सुगम हो जाएगी.”