सेंट्रल बोर्ड ने ईपीएफओ कर्मियों के आकस्मिक निधन पर परिजनों को दी जाने वाली एक्स-ग्रेसिया डेथ रिलीफ फंड की रकम दोगुनी कर दी है. इस निर्णय से देशभर के 30 हजार कर्मचारियों को फायदा मिलेगा. फंड में की गई इस बढ़ोतरी को तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया गया है. ईपीएफओ ने इसके लिए सभी कार्यालयों को परिपत्र जारी कर दिया है.
हरियाणा में कर्मचारी राज्य बीमा निगम के दायरे में आने वाले निजी क्षेत्र के किसी कर्मचारी की मृत्यु अगर कोरोना से होती है तो आश्रित परिवार को कोविड-19 राहत योजना के तहत हर महीने आर्थिक सहायता दी जाएगी. इसके तहत बीमित कर्मचारी के औसत दैनिक वेतन का 90 फीसदी हिस्सा आश्रितों को हर महीने दिया जाएगा. मृतक की पत्नी को आजीवन या दूसरी शादी करने तक, बेटे को 25 साल का होने तक और बेटी की शादी होने तक यह लाभ दिया जाएगा. न्यूनतम राहत 1,800 रुपये प्रतिमाह होगी.
जाने किसको मिलेगा फायदा
इसमें कारोना वायरस से होने वाली मौत को शामिल नहीं किया गया है. अगर सेंट्रल बोर्ड के किसी कर्मचारी की मौत कोरोना वायरस के कारण हुई है तो 28 अप्रैल 2020 का आदेश माना जाएगा. ईपीएफओ कर्मचारी की आकस्मिक मौत पर अब आश्रितों को 8 लाख रुपये मिलेंगे. इस फंड के तहत 2006 में सिर्फ 5000 रुपये ही आश्रित को दिए जाते थे. इसके बाद इसे 50 हजार से 4.20 लाख रुपये तक किया गया. अब यह भी तय हुआ है कि हर तीन साल में इसमें 10 फीसदी बढ़ोतरी की कोशिश की जाएगी.अगर किसी कर्मचारी की नॉन-कोविड मौत यानि प्राकृतिक मौत होती है तो उसके परिवार को 8 लाख रुपये मिलेंगे. यह रकम बोर्ड के हर कर्मचारी के लिए एकसमान है. इस रकम के लिए वेल्फेयर फंड से इंतजाम किया गया है. यह रकम सेंट्रल प्रॉविडेंट फंड कमिश्नर, सेंट्रल स्टाफ वेल्फेयर कमेटी और एम्प्लॉईज प्रॉविडेंट फंड से मंजूरी लेकर बढ़ाई गई है.