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देश का सबसे लंबा एक्सप्रेसवे मार्च 2023 तक बनकर हो जाएगा तैयार

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देश का सबसे लंबा एक्सप्रेसवे मार्च 2023 तक बनकर हो जाएगा तैयार

दिल्ली मुंबई एक्सप्रेस हाईवे भारत का सबसे लंबा एक्सप्रेसवे है जिसकी लंबाई लगभग 1380 किलोमीटर है.  जो मार्च 2023 तक बनकर तैयार होगा इस पर लगभग ₹95000 की लागत आएगी. इस एक्सप्रेस वे का दिल्ली से राजस्थान के दौसा तक तथा बड़ोदरा से अंकलेश्वर तक का हिस्सा मार्च 2022 तक बन जाएगा. यह एक्सप्रेस वे 8 लाइन का एक्सेस कंट्रोल ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस वे बनाया जा रहा है. जिसमें भविष्य में चार लेन और जोड़कर इसे 12 लेंस तक का किया जा सकता है. इस एक्सप्रेस वे पर 21 मीटर चौड़ाई की मीडियन बनाई जा रही है जिससे भविष्य में घटाकर एक्सप्रेस-वे को चौड़ा किया जा सकता है. दिल्ली एनसीआर में 53000 करोड़ रुपए की लागत से सड़क व पुल निर्माण के 15 प्रोजेक्ट मंजूर किए हुए हैं. जिनमें से 14 परियोजनाओं पर काम चल रहा है. यह प्रोजेक्ट पूरे होने से दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण कम होगा और लोगों को ट्रैफिक जाम से मुक्ति मिलेगी.

 

इस एक्सप्रेस वे की लगभग 160 किलोमीटर लंबाई हरियाणा प्रदेश में पड़ती हैं. जिस पर 10400 करोड़ रुपए खर्च किए जा रहे हैं. इसमें से 130 किलोमीटर लंबाई के एक्सप्रेस-वे के निर्माण के लिए काम अलॉट भी किया जा चुका है. यह एक्सप्रेसवे हरियाणा में गुरुग्राम पलवल तथा 2 जिलों से होकर गुजरेगा. हरियाणा में पड़ने  वाले हिस्सों में छह स्थानों पर वे साइड सुविधाएं बनाई जाएंगी.जिससे यात्रियों के लिए सुविधाएं जैसे रिजॉर्ट,रेस्टोरेंट , डोरमेट्री , हॉस्पिटल , फुडकोर्ट , फ्यूल स्टेशन आदि के अलावा ट्रकों की पार्किंग गैराज आदि की सुविधाएं होंगी. यही नहीं कमर्शियल स्पेस ऑफ लॉजिस्टिक पार्क भी होंगे इस एक्सप्रेस वे पर दुर्घटना से पीड़ित व्यक्तियों को जल्द से जल्द नजदीकी अस्पताल में पहुंचाने के लिए हेलीकॉप्टर एंबुलेंस सेवा भी उपलब्ध करवाई जाएगी.

 

तीन और परियोजनाएं को भी मिली स्वीकृति

वहीं दिल्ली जयपुर हाईवे पर गांव बिलासपुर मानेसर तथा कपड़ीवास सहित तीन परियोजनाओं को स्वीकृत किया जा चुका है. जिन पर लगभग ढाई सौ करोड़ की लागत आएगी इन स्थानों पर अंडरपास या फ्लाईओवर बनाने की मांग रखी गई थी. ताकि वहां पर लोगों को सुविधाएं मिले और दुर्घटनाओं की संख्या कम हो पलवल, अलीगढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग और ईस्टर्न पेरीफेरियल एक्सप्रेस हाईवे पर इंटरचेंज बनाने के कार्य को स्वीकृति दी जा चुकी है. यह मांग मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री गडकरी के सामने रखते हुए कहा था कि इंटरचेंज जब तक नहीं बनेगा. तब तक एक मार्ग से दूसरे मार्ग का उपयोग करने वाले लोगों को कठिनाई आएगी. फरीदाबाद शहर को जेवर हवाई अड्डे के साथ जोड़ने के लिए रखी गई मुख्यमंत्री की मांग को गडकरी ने मौके पर ही मंजूरी दे दी.