हरियाणा दिवस से प्रदेश में एसडीएम और सिटी मजिस्ट्रेट भी संपत्तियों की रजिस्ट्री कर सकेंगे। सरकार ने हर जिले में संपत्ति इत्यादि के हस्तांतरण दस्तावेजों के पंजीकरण की शक्तियां इन्हें सौंप दी हैं। राज्य के सभी एसडीएम और सिटी मजिस्ट्रेट को उप-पंजीयक और संयुक्त उप-पंजीयक के रूप में नामित किया गया है। तहसीलदार और नायब-तहसीलदार संयुक्त उप-पंजीयक के रूप में पहले ही तरह कार्य करते रहेंगे।
लोग रजिस्ट्री के लिए कार्यालय में जाते थे और अधिकारी अनुपस्थित होता था। जिसके कारण लोगों को कभी दिक्कतों का सामना करना पड़ता था।अब ऐसे में एसडीएम व सिटी मजिस्ट्रेट का विकल्प भी मौजूद रहेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस निर्णय से रजिस्ट्री के मामले भी लंबित नहीं रहेंगे। जमीन हस्तांतरण के पंजीकरण मामलों में तेजी आएगी।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने बताया कि इससे आम जनता, विशेषकर किसानों और ग्रामीणों को काफी सहूलियत मिलेगी। जिस जिले में संपत्ति स्थित है, वहां किसी भी स्थान पर इन अधिकारियों के कार्यालयों में जाकर रजिस्ट्री करा सकेंगे। सिटी मजिस्ट्रेट, एसडीएम, तहसीलदार और नायब तहसीलदार के पास पंजीकरण की शक्तियां होने के कारण जनता की असुविधा खत्म होगी।
Source: amar ujala