डीसी यशेन्द्र सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति में पूर्व प्राथमिक शिक्षा पर बल दिया गया है। हरियाणा सरकार प्राथमिक शिक्षा के क्षेत्र में देश के अग्रणी राज्यों में से एक है। इस दिशा में मुख्यमंत्री की घोषणा के तहत 4000 चयनित आंगनवाडिय़ों को प्ले स्कूल में तबदील किया गया है और बाकि 21962 आंगनवाडिय़ों में भी प्री.स्कूल शिक्षा का प्रावधान किया गया है। उन्होंने बताया कि 2021-22 में स्टेट रिसोर्स ग्रुप के प्रशिक्षण के अतिरिक्त सभी बाल विकास अधिकारियों व पर्यवेक्षकों और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं का प्रशिक्षण पूर्ण हो चुका है। उन्होंने बताया कि सभी ने बच्चों के साथ अपनी अभ्यास कक्षाओं को भी पूर्ण किया है। इस वर्ष की शुरुआत में ही कोरोना काल में आए अंतराल के बाद सभी का पुन: ओरिएंटेशन पूर्ण किया गया है।
आंगनवाडी केन्द्रों में स्कूल रेडीनेस मेले का होगा आयोजन :
डीसी ने बताया कि 1 अप्रैल 2022 से प्री. स्कूल व आंगनवाडियों में प्री.स्कूल शिक्षा को औपचारिक तरीके से शुरू किया जा रहा है जिससे पहले इसके प्रचार-प्रसार के लिए विभिन्न माध्यमों से एनरोलमेंट ड्राइव चलाई गई है और आजादी अमृत महोत्सव के मद्देनजर 31 मार्च 2022 को सभी प्ले स्कूल और आंगनवाडी केन्द्रों में स्कूल रेडीनेस मेले का आयोजन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि विभाग इसे सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास करेगा और तकनीक के माध्यम से इसकी मोनिटरिंग की जाएगी।
डीसी ने बताया कि इन मेलों में अभिभावकों के साथ आये 3-6 वर्ष के बच्चों का खेल-खेल में सरल तरीके से आंकलन किया जाएगा और बच्चों के रिपोर्ट कार्ड बनाए जाएंगे। मेले में लगे स्टाल्स में छोटे बच्चों के विकास के क्षेत्रों से संबंधित गतिविधियां आयोजित करवाई जाएंगी, जिसमें शारीरिक, मानसिक, भाषा, पूर्व गणित और सामाजिक एवं भावनात्मक क्षेत्रों पर प्रकाश डाला जाएगा। उन्होंने बताया कि इसका मूल उद्देश्य पूर्व प्राथमिक शिक्षा के प्रति अभिभावकों और समुदाय को जागरूक करना है ताकि समाज के सभी वर्गों के बच्चों को निशुल्क एवं गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त हो सके।