कौशल ने कहा कि शहरी स्थानीय निकाय विभाग, नगर एवं ग्राम आयोजना विभाग और हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण तथा प्राइवेट कॉलोनियों में जारी प्रॉपर्टी आईडी का एक मास्टर डाटा तैयार करें। ताकि वास्तविक स्थिति का पता लग सके। इसके अलावा, लाल डोरा की जानकारी सभी नगर निगमों, पालिकाओं और समितियों के साथ साझा करें। यदि कहीं किसी प्रकार का कोई बदलाव पाया जाता है तो उसके अनुसार डाटा को अपडेट करें।
उन्होंने कहा कि स्वामित्व योजना के तहत गांवों में ड्रोन फ्लाइंग का कार्य लगभग पूरा हो चुका है और प्रॉपर्टी कार्ड बनाने तथा वितरित करने का कार्य चरणबद्ध तरीके से जारी है। अब इसी तर्ज पर शहरी क्षेत्रों में भी लाल डोरा मुक्त करने का कार्य तेजी से किया जाएगा ताकि लोगों को उनका मालिकाना हक मिल सके।
संजीव कौशल ने कहा कि लाल डोरा मुक्त योजना की शुरुआत देश में सर्वप्रथम हरियाणा ने ही शुरू की थी, जिसे बाद में देशभर में स्वामित्व योजना के नाम से लागू किया गया। इस महत्वाकांक्षी योजना में गांवों और शहरों को लाल डोरा से मुक्त करने के लिए क्रांतिकारी कदम उठाए जा रहे हैं। इसलिए इसमें लापरवाही न बरती जाए और निश्चित समयावधि में तय कार्य होने चाहिए ।