पीजी डॉक्टर्स की ऑल इंडिया लेवल पर हड़ताल की बात कही है, लेकिन पीजीआई में हड़ताल को लेकर क्या स्थिति रहेगी, यह रविवार या सोमवार तक स्पष्ट हो पाएगा। फिलहाल ओपीडी में काम नहीं करने की बात कही गई है। वही दूसरी ओर सर्दियों की छुट्टियों का रोस्टर जारी कर दिया गया है। डॉक्टर दो बैच में छुट्टी पर जाएंगे। 150 डॉक्टर 1 से 24 दिसंबर तक छुट्टी पर रहेंगे। 25 दिसंबर को राजकीय अवकाश और 26 को रविवार है। 27 दिसंबर को कॉमन डे रहेगा और सभी डॉक्टर ड्यूटी पर होंगे। 28 दिसंबर से 20 जनवरी तक दूसरे बैच के डॉक्टर छुट्टी पर जाएंगे।, चूंकि डॉक्टर्स सर्दियों की छुट्टी पर जाएंगे और उनका सबसे बड़ा सहारा पीजी डॉक्टर हड़ताल पर गए तो मुसीबत खड़ी हो सकती है। बता दें कि पीजीआई में अस्पताल प्रशासन सहित 42 विभाग हैं। इनमें करीब 316 फैकल्टी सदस्य हैं।
डॉक्टर्स को छुट्टी पर जाने से पहले देनी होंगी सारी डिटेल्स
डॉक्टर्स को यह भी बताना होगा कि सर्दियों की छुट्टी में किस जगह जा रहे है। बकायदा अपनी छुट्टी का पता और मोबाइल नंबर भी देना होगा। सभी विभाग के प्रमुख सुनिश्चित करेंगे कि छुट्टी पर जाने वाले डॉक्टर्स ने जगह का पता दिया है या नहीं। वहीं आकस्मिक अवकाश को सर्दियों के अवकाश के साथ नहीं जोड़ा जा सकता। हर रोज 6-7 हजार मरीजों की ओपीडी पीजीआई की ओपीडी में हर रोज 6 से 7 हजार मरीज आते हैं। पहले ही डॉक्टर्स पर काफी दबाव होता है। इमरजेंसी में भी 1 हजार से ज्यादा केस हर रोज आते हैं। इन सभी को सीनियर डॉक्टर और पीजी मिलकर संभालते हैं।
कोविड के कारण 2021 में बुलाया गया वापिस
वर्ष 2021 में कोविड से थोड़ी राहत मिली तो डॉक्टर्स के लिए कुल 10 दिनों की छुट्टी मंजूर की गई। दो बैच में डॉक्टर छुट्टी पर जाने थे। एक बैच अपनी छुट्टी पूरी करके वापस आ गया तो दूसरा बैच छुट्टी पर चला गया। लेकिन अचानक कोविड के मरीजों की संख्या बढ़ गई। इसका असर ये रहा कि दूसरे बैच के डॉक्टर्स को छट्टी पर जाने के अगले ही दिन वापस बुला लिया गया।
2020 में नही मिली छुट्टी
मार्च 2020 में कोविड की पहली लहर ने तेजी पकड़ी तो डॉक्टर्स को गर्मियों में मिलने वाली जून-जुलाई की छुट्टी रद्द कर दी गई थी। डॉक्टर बिना छुट्टी लिए कोरोना से जंग लड़ते रहे। मरीज कम नहीं हुए तो सर्दियों की छुट्टी पर रद कर दी गई। यानी 2020 में छुट्टी मिली ही नहीं। डेढ़ महीना काम का दबाव रहेगा चूंकि कुल 316 में से 150 डॉक्टर छुट्टी पर जा रहे हैं तो अन्य डॉक्टर पर काम का दबाव रहेगा। 1 दिसंबर से लेकर 20 जनवरी तक यानी डेढ़ महीने से ज्यादा समय तक डॉक्टर्स की कमी बनी रहेगी। लेकिन इसके चलते मरीजों को नही होगी कोई परेशानी।