‘कौन कहता है कि आसमां में सुराख नहीं हो सकता, एक पत्थर तो तबीयत से उछालो यारों…!’, प्रसिद्घ कवि दुष्यंत कुमार की कविता की इन पक्तियों को चरितार्थ कर दिखाया है रेवाड़ी जिला के गांव खुशपुरा की बेटी शिवांशी यादव ने। शिवांशी का चयन देहरादून के इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ रिमोट सेंसिंग (आईआईआरएस)-इसरो व आईटीसी विश्वविद्यालय ऑफ टवेंट नीदरलैंड के को-ज्वाईंट प्रोग्राम भू सूचना विज्ञान विज्ञान और पृथ्वी अवलोकन के लिए एमएससी में हुआ है। शिवांशी की इस सफलता पर उनके घर बधाई देने वालों का आना-जाना लगा हुआ है।
प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल भी स्वयं ट्वीट कर शिवांशी को बधाई दे चुके हैं। सीएम ने ट्वीट करते हुए लिखा कि ‘हरियाणा की बेटी व चौ. चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय, हिसार के कृषि अभियांत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी महाविद्यालय की छात्रा शिवांशी यादव का चयन स्नातकोत्तर डिग्री के लिए इसरो में होने पर बधाई व शुभकामनाएं। आप जीवन में नई बुलंदियों को छुएं, ऐसी कामना है’ ।
हरियाणा की बेटी व चौ. चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय, हिसार के कृषि अभियांत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी महाविद्यालय की छात्रा शिवांशी यादव का चयन स्नातकोत्तर डिग्री के लिए @isro में होने पर बधाई व शुभकामनाएं।
आप जीवन में नई बुलंदियों को छुएं, ऐसी कामना है।
— Manohar Lal (@mlkhattar) September 12, 2021
मूल रूप से रेवाड़ी जिले के गांव खुशपुरा की रहने वाली शिवांशी की प्रारंभिक पढ़ाई रेवाड़ी से जबकि दसवीं के बाद 12वीं तक की पढ़ाई झज्जर से की है। इसके पश्चात बी-टेक कॉलेज ऑफ एग्रीकल्चर इंजीनियररिंग एंड टेकनॉलॉजी सीसीएस एचएयू हिसार से की है। शिवांशी बताती हैं कि उन्हें इस मुकाम तक पहुंचने में उनके परिवार का पूरा स्पोर्ट मिला है। वे अपने पिता विजय कुमार यादव को अपनी प्रेरणा मानती है। शिवांशी के पिता इंजीनियर विजय कुमार यादव मेवात में कृषि विभाग में सहायक कृषि अभियंता के पद पर कार्यरत हैं जबकि माता पुष्पा यादव गृहिणी हैं।
शिवांशी का नाम उन 10 विद्यार्थियों में शामिल है जिनका चयन इसरों में हुआ है। चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार के कृषि अभियांत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी महाविद्यालय की छात्रा शिवांशी यादव का चयन स्नातकोत्तर डिग्री के लिए इसरो में हुआ है। अब शिवांशी यादव इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ रिमोट सेंसिंग, इसरो देहरादून से जियो इंफोर्मेटिक्स एंड अर्थ ऑबजर्वेशन में मास्टर डिग्री करेगी। यह एक दो वर्षीय कार्यक्रम है जिसके तहत एक वर्ष तक इसरो और इसी डिग्री के दूसरे वर्ष की पढ़ाई नीदरलैंड की यूनिवर्सिटी ऑफ टवेंटी, आईटीसी से करेगी। खास बात यह है कि इस कोर्स के लिए देशभर से केवल 10 विद्यार्थियों का चयन हुआ है और शिवांशी उनमें से एक है।