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रेवाड़ी शहर जाम से बेहाल , समाधान के नाम पर केवल वायदे

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रेवाड़ी शहर जाम से बेहाल , समाधान के नाम पर केवल वायदे

त्यौहारों का सीजन हो या आम दिन रेवाड़ी शहर की ट्रेफिक व्यवस्थाओं पूरी तरह से चरमाराई हुई है. हालात ये है कि लोग जाम में जूझते रहते है, मरीज जाम में फंसी एम्बुलेंस में तड़पते रहते है. और शासन – प्रशासन वर्षो से वहीँ रटारटाया बयान देते रहें है. कि जल्द समस्या का समाधान किया जायेगा .  लेकिन यहाँ अधिकारी बदले , जनप्रतिनिधि बदले, लेकिन नहीं बदली शहर की ट्रेफिक व्यवस्था.  अहिरवाल का लंदन कहे जाने वाला रेवाड़ी और पीतल नगरी के नाम से पहचाने जाने वाले रेवाड़ी शहर एक लिए ट्रेफिक जाम की समस्या नासूर बनी हुई है.

 

जिसका पहला कारण ये कि वर्षों से पार्किंग व्यवस्था का केवल वायदा किया लेकिन धरातल पर कोई काम नहीं किया गया . और दूसरा कारण से कि रेवाड़ी को जिला बने तीन दशक बीत गए लेकिन आजतक बाईपास नहीं बना ..हालांकि अभी बाईपास का काम किया जा रहा है . लेकिन वो कब पूरा होगा ये भी बड़ा सवाल है. वैसे तो रेवाड़ी शहर में ट्रेफिक जाम की समस्या आम हो गई है. लेकिन जब त्यौहार होता है. तो हालत बद से बत्तर हो जाते है.

 

तस्वीरों में आप देख सकते है किस कदर रेवाड़ी शहर राम भरोसे है…जहाँ जनता जाम में जूझ रही है. और शासन –प्रशासन को कोष रही है. रेवाड़ी शहर के करीबन 5 किलोमीटर के सर्कुलर रोड़ पर तीन जगह एम्बुलेंस भी फंसी रही.  झज्जर चौक , बस स्टैंड और भाडावास चौक के पास तीन जगह एम्बुलेस जाम फंस गई.  जिसे जैसे तैसे रास्ता देकर निकाला गया . सर्कुलर रोड़ के नाइवाली चौक , कानोड़ गेट चौक, रेलवे चौक , झज्जर चौक , ट्रोमा सेंटर के पास , आजाद चौक , धारूहेड़ा चुंगी , अम्बेडकर चौक , बस स्टैंड , बावल चौक और भाडावास चौक पर जाम जैसे हालत बने रहे है. करीबन 5 किलोमीटर के सर्कुलर रोड़ के भीतर बाजार है . जिसके भीतर और बाहर कहीं भी पार्किंग व्यवस्था नहीं की गई है.  और जितने भी बैंक , अस्पताल या कोई अन्य संस्थान इस रोड़ पर है वहां सड़क पर पार्किंग करने के कारण हालात ज्यादा ख़राब हो जाते है.

 

यहाँ आपको बता दें कि करीबन तीन दशक पहले रेवाड़ी को जिला बनाया गया था . और नगर परिषद् रेवाड़ी को बने हुए भी दो दशक से ज्यादा का व्यक्त बीत गया . लेकिन आजतक शहर में पार्किंग की कोई व्यवस्था नहीं की गई. और सवाल पूछने पर  प्रशासनिक अधिकारी हो या जन प्रतनिधियों दोनों ये कहकर अपना पल्ला झाड लेते है कि जल्द पार्किंग की व्यवस्था की जायेगी . कई सालो से तो ये कहा जा रहा है कि पार्किंग के लिए जगह चिन्हित कर ली गई है. जिसपर पार्किंग व्यवस्था की जायेगी.

दस दिन पहले हुई नगर परिषद् की हाउस की बैठक में चेयरपर्सन पूनम यादव ने कहा था कि अब जल्द पार्किंग के लिए व्यवस्था की जायेगी. वहीँ डीसी यशेंद्र सिंह से भी चार दिन पहले शहर में जाम लगने और पार्किंग की समस्या के समाधान के लिए सवाल पूछा गया था. जिन्होंने कहा था कि त्यौहार के सीजन को देखते हुए बाजार में फॉर व्हीलर वाहनों की एंट्री बंद करने जा रहे है. और पार्किंग व्यवस्था के लिए नगर परिषद् काम का रही है. ऐसे में कैसा काम शहर में हो रहा है. और बाजार के क्या हालत है वो सबके सामने है. सवाल ये कि आखिर कबतक जनता सिस्टम की अनदेखी का खामियजा भुगतती रहेगी .